सुशांत उनियाल ने मशरूम का उत्पादन कर खंडहरों को किया आबाद

  • मार्केटिंग मैनेजर की नौकरी छोड़ नहीं गांव में लिखी नई इबारत
  • वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये मोदी ने सुशांत के काम को सराहा
  • प्रति वर्ष हो रही 8 से 10 लाख रुपये की आमदानी

टिहरी। कहते हैं जहां चाह, वहां राह। टिहरी जिले के डडूर गांव के युवा सुशांत उनियाल ने मल्टीनेशनल कंपनी से मार्केटिंग मैनेजर की नौकरी छोड़कर मशरूम उगाकर नई इबारत लिख दी। सुशांत दिल्ली में अच्छी खासी नौकरी करते थे। लेकिन हमेशा अपनी माटी की सौंधी खुशबू उनके जेहन में कौंधती थी। 2018 उन्होंने नौकरी छोड़कर अपने गांव में ही मशरूम उत्पादन करने का फैसला लिया। सुशांत ने वर्ष 2018 में बैंक से लोन लिया और मशरूम की खेती शुरू कर दी। आज वह एक सफल मशरूम व्यवसायी बन गए। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुशांत से बात कर उनके कार्य की सराहना की।
प्रधानमंत्री ने सुशांत से कहा कि उन्होंने बेहतरीन प्रयास किया है। यह हकीकत है कि पहाड़ की जवानी और पानी ही पहाड़ की तस्वीर बदल सकता है। सुशांत ने बताया कि उन्होंने अपने बड़े भाई प्रकाश उनियाल के विजन से इस काम की शुरुआत की। गांव के खंडहर हो चुके मकानों में मशरूम उगा आबाद कर दिए है। उन्होंने लगातार पहाड़ से पलायन कर लोगों के लिए भी एक नजीर पेश की है। 2018 में उन्होंने 50 हजार रुपये कमाए। वर्ष 2019 में जिला उद्यान अधिकारी डाॅ. डीके तिवारी की मदद से मिशन आफ इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट आफ हार्टिकल्चर (एमआइडीएच) के तहत 28.65 लाख रुपये का लोन लेकर अपना प्लांट लगा डाला। वर्ष 2019-20 में यहां ढींगरी मशरूम का 80 क्विंटल उत्पादन हुआ, जिससे सुशांत ने 8.64 लाख की कमाई की। पिछले साल उन्होंने 90 क्विंटल ढींगरी मशरूम उगाई, जो 10.40 लाख रुपये में बिकी। क्षेत्र में अन्य काश्तकारों से भी सुशांत मशरूम लेकर उन्हें बजार उपलब्ध कराने का कार्य कर रहे हैं।

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