ईंट के भट्ठे की मजदूर मुन्नावती बनीं यूनिवर्सिटी टॉपर!

  • संस्कृत में एमए की परीक्षा में सबसे अधिक अंक लाकर जीता गोल्ड मेडल  

रांची। झारखंड में डोलइंचा गांव की रहने वाली एक युवती मुन्नावती ने ईंट के भट्ठे पर मजदूरी करते हुए संस्कृत में एमए किया है। साथ ही उन्होंने एमए में 
सबसे अधिक अंक लाकर गोल्ड मेडल जीतते हुए यूनिवर्सिटी टॉप भी किया है। मुन्नावती ने दिखा दिया है कि अगर इंसान ठान ले तो मुश्किल से मुश्किल राह भी आसान हो जाती है। 
गौरतलब है कि मुन्नावती भट्ठे पर काम करने के अलावा अन्य जगह भी मजदूरी करती थीं। संस्कृत में एमए करने के बाद अब उनको राजकीय प्लस-टू हाईपोस्ट ग्रेजुएट ट्रेंड टीचर नियुक्त किया गया है। 
बीते शनिवार को जिला स्कूल में नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने मुन्नावती को पोस्टिंग लेटर सौंपा।जब उनको पोस्टिंग लेटर दिया गया तो वह खुशी के मारे उछल पड़ीं, साथ में आंखें भी छलक गईं। मुन्नावती कहती हैं कि वह गरीब परिवार से हैं, इसलिए मजदूरी करना हमारे लिए कोई अचरज भरा काम नहीं है। अब मैं शिक्षिका के रूप में अपने कर्तव्य को निभाना चाहती हूं। उन्होंने कहा कि जेएसएससी की पीजी ट्रेंड टीचर की नियुक्ति परीक्षा में सफलता हासिल करने के बाद अब उसकी वर्षों की मेहनत और संघर्ष को मुकाम मिल गया है। इस मौके पर कुल 580 पीटीजी और टीजीटी टीचर्स को भी पोस्टिंग लेटर दिया गया। 
मुन्नावती ने बताया कि उसकी दो बड़ी बहनें हैं जिनकी शादी हो चुकी है और एक भाई है। आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण 1998 में दसवीं की परीक्षा पास कर पढ़ाई छोड़नी पड़ी। तब से लेकर 2005 तक पढ़ाई से दूर रहीं। इसके बाद मजदूरी करने लगीं। मजदूरी करते हुए उसने बेड़ो के करमचंद भगत कॉलेज में दाखिला लिया। और एमए संस्कृत में सबसे अधिक अंक लाकर यूनिवर्सिटी टॉप की।

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