- कहा, मुझे खुशी है कि बहुत दिन बाद हम और मायावती एक मंच पर हैं
- हम उनका स्वागत करते हैं। मुझे बहुत खुशी हो रही है। मैं इसे कभी नहीं भूलूंगा
- करीब 24 साल बाद एक मंच पर आए मुलायम सिंह यादव और मायावती
उत्तर प्रदेश की सियासत के दो सूरमा आपसी दुश्मनी को भुलाकर करीब 24 साल बाद आज मैनपुरी में चुनावी मंच पर साथ दिखे। बसपा सुप्रीमो मायावती सपा के संरक्षक मुलायम सिंह के समर्थन में प्रचार करने के लिए यहां पहुंचीं। मुलायम ने बहनजी के इस एहसान की जमकर प्रशंसा की और कहा कि इसे वह कभी भूल नहीं पाएंगे। मायावती ने हमेशा उनकी मदद की है।
मुलायम ने सपा कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे मायावती का हमेशा सम्मान करें। मुलायम ने कहा, ‘मुझे खुशी है कि बहुत दिन बाद हम और मायावती एक मंच पर हैं। हमारी आदरणीय मायावती जी आई हैं। हम उनका स्वागत करते हैं। मैं इसे कभी नहीं भूलूंगा। मायावती जी का आप लोग हमेशा सम्मान करना। उन्होंने हमारा बहुत साथ दिया है। वह मेरे लिये वोट मांगने आई हैं। मैं मायावती का अहसान कभी नहीं भूलूंगा।’
मुलायम ने रैली में मौजूद लोगों से कहा, ‘चुनाव में हमें भारी बहुमत से जिता देना। पहले से ज्यादा बहुमत से। आपके कहने पर मैं आखिरी चुनाव लड़ रहा हूं। पहले जिताते आए हो, पहले से ज्यादा वोटों से जिताना। आज महिलाओं का शोषण हो रहा है। बहुत जबर्दस्त तरीके से। इसके लिए हमने लोकसभा में सवाल उठाया। संकल्प लिया गया कि महिलाओं का शोषण नहीं होने दिया जाएगा।’
इससे पहले मंच पर मुलायम सिंह के पहुंचने पर मायावती ने खड़े होकर उनका स्वागत किया। उधर, इस संयुक्त रैली बनाए गए मंच पर कहीं भी सपा के लाल और हरे रंग का अता-पता नहीं है। चारों तरफ बसपा का नीला रंग ही दिखाई पड़ रहा है।
इनके बाद रैली को संबोधित करते हुए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि देश बहुत नाजुक समय से गुजर रहा है। उन्होंने कहा, ‘इस देश की खेती और किसान देश की आत्मा हैं। किसान भाई दुखी हैं, गांव में रहने वाले लोगों के साथ धोखा हुआ। फसल की चोरी हुई, लाभकारी मूल्य की चोरी हो गई, भाजपा के लोगों ने पांच किलो खाद और यूरिया की चोरी की।’ उन्होंने कहा कि देश को जब नया प्रधानमंत्री मिलेगा, तभी नया भारत बनेगा। कभी यूपी का विकास हुआ है तो सपा और बसपा ने मिलकर लोगों को खुशहाली के रास्ते पर ले जाने का काम किया है। उन्होंने आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे का जिक्र करते हुए कहा कि दिल्ली को नजदीक लाने का काम सपा और बसपा ने मिलकर किया है।