दुश्मन बने दोस्त
- मैनपुरी में मुलायम के समर्थन में आयोजित रैली में महागठबंधन पर बहनजी ने दी सफाई
- बसपा सुप्रीमो ने कभी धुर विरोधी रहे सपा संरक्षक मुलायम सिंह की तारीफों के बांधे पुल
- मोदी को बताया नकली पिछड़े वर्ग का और कहा, मुलायम असली पिछड़े वर्ग के
मैनपुरी में सपा, बसपा और रालोद की संयुक्त रैली के दौरान मायावती ने कभी धुर विरोधी रहे सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की तारीफों के पुल बांधे। उन्होंने मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी नकली पिछड़े वर्ग के हैं, जबकि मुलायम सिंह यादव असली पिछड़े वर्ग के हैं। उन्होंने एसपी से महागठबंधन करने के फैसले पर भी सफाई देते हुए कहा कि देशहित में कठिन फैसले करने पड़ते हैं।
मंच पर माइक संभालते ही माया ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि इस बार चुनाव में लोग मैनपुरी लोकसभा सीट से सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव को रिकॉर्डतोड़ वोटों से ऐतिहासिक जीत दिलाएंगे। इसमें कोई संदेह नहीं है कि मुलायम ने समाजवादी बैनर के तले सभी समाज के लोगों को जोड़ा है। अन्य पिछड़े वर्ग के लोगों को बड़े पैमाने पर जोड़ा है। बीएसपी सुप्रीमो ने कहा कि मुलायम सिंह यादव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह नकली और फर्जी पिछड़े वर्ग के नहीं हैं।
माया ने कहा कि ज्यादातर राज्यों में भाजपा, कांग्रेस और दूसरी पार्टियों की सरकारें रहीं। कांग्रेस सरकारों के गलत कार्यप्रणाली और नीतियों के चलते सत्ता से बाहर होना पड़ा। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में आरएसएस वादी, पूंजीवादी, संकीर्ण, सांप्रदायिक, द्वेषपूर्व और जातिवादी गलत नीतियों के कारण इस बार भाजपा सत्ता से जरूर बाहर जाएगी।
बसपा सुप्रीमो ने कहा, ‘वह असली, वास्तविक, जन्मजात पिछड़े वर्ग के हैं जबकि मोदी के बारे में यह बात सबको पता है कि इन्होंने गुजरात में अपनी सरकार के समय में सत्ता का दुरुपयोग करके अपनी अग्रणी-उच्च जाति को पिछड़े वर्ग का घोषित कर लिया। उन्होंने पिछले आम चुनावों में इसका लाभ उठाया और प्रधानमंत्री बन गए।
उन्होंने महागठबंधन करने के फैसले पर सफाई देते हुए कहा कि यहां की जनता और मीडिया जानना चाहेगी कि बसपा प्रमुख के साथ मुलायम सिंह यादव की सरकार के चलते हुए, खासकर 2 जून 1995 को हुए गेस्ट हाउस कांड के बावजूद सपा—बसपा गठबंधन कर आम चुनाव क्यों लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसका जवाब वह पहले ही दे चुकी हैं और दोबारा दोहराना नहीं चाहतीं। हालांकि उन्होंने आगे कहा, ‘देशहित में और पार्टी के मूवमेंट के हित में कभी-कभी हमें ऐसे कठिन फैसले लेने पड़ते हैं जिसको आगे रखकर ही हमने देश के वर्तमान हालात के चलते हुए सपा के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ने का फैसला किया है।’