वीडियो बनाकर सुनाई अपनी दास्तान
- भारत सरकार से सकुशल बाहर निकालने की लगाई गुहार
- सीएम धामी ने कहा अफगान में फंसे लोगों को सकुशल वापस लाने का कर रहे प्रयास
देहरादून। अफगानिस्तान पर तालीबान के हमले के बाद वहां स्थिति विकट हो गई है। उत्तराखंड के भी 140 नागरिक सहित कई लोग फंसे हैं। काबुल में एयरपोर्ट से चंद दूरी पर स्थित होटलों में कैद उत्तराखंडी सरकार से वहां से निकालने की गुहार लगाई है। होटल से वीडियो बनाकर इंटरनेट मीडिया के जरिये अपनी दास्तान सुनाई है। दून के रायपुर निवासी अनुराग गुरुंग काबुल में अपने साथियों के साथ फंसे हैं। अनुराग के भाई बब्बू ने बताया कि एयरपोर्ट के निकट होटल में उनके भाई के साथ दो दर्जन से अधिक उत्तराखंडी कैद हैं। अनुराग अफगानिस्तान में एक अमेरिकी कंपनी में कार्यरत हैं। इसके अलावा काबुल स्थित डेनिस एंबेसी में भी बड़ी संख्या में भारतीय फंसे हुए हैं। डेनमार्क की इस एंबेसी में दो दर्जन उत्तराखंडियों ने भी शरण ले रखी है। देहरादून के प्रेमनगर निवासी राकेश राणा ने इंटरनेट मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट कर सरकार से मदद की गुहार लगाई है। वीडियो में उन्होंने बताया कि उनके साथ कई लोग चार दिन से एक कमरे में कैद हैं। वहां उन्हें खाना तक नहीं मिल रहा।
देहरादून के शक्ति कालोनी हाथीबड़कला निवासी नितिन भंडारी बीती जनवरी से अफगानिस्तान में हैं। नितिन की मां मीरा भंडारी ने बताया कि बेटे की लगातार उनसे फोन पर बात हो रही है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को कहा अफगानिस्तान में फंसे प्रदेश के लोगों को सकुशल वापस लाने के लिए राज्य सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि अफगानिस्तान से लोग जल्द ही सकुशल अपने घर वापस आ जाएंगे। मुख्यमंत्री ने मंगलवार को केंद्रीय विदेश मंत्रालय से भी बात की और इस संबंध में आवश्यक कदम उठाने का अनुरोध किया।
वीडियो काल दिख रहा है अफरा-तफरी का माहौल
दून के गढ़ी कैंट निवासी अजय सिंह क्षेत्री सेकंड जैक राइफल से रिटायर्ड होने के बाद 2011 से काबुल में सिक्योरिटी गार्ड का कार्य कर रहे हैं। उनकी पत्नी रेखा क्षेत्री ने बताया कि हर दिन फोन और वीडियो काल के जरिये बात हो रही है। अजय जिस जगह कार्य कर रहे हैं, वहां से बाहर आने की अनुमति नहीं है।
उत्तराखंड के ये लोग फंसे अफगान में
यशपाल सिंह (हरिपुर सेलाकुई), नरेंद्र शर्मा (नेहरूग्राम), संदीप जुयाल (ठाकुरपुर उम्मेदपुर), अंकुश शर्मा, (बरोटीवाला विकासनगर), सतीश कुमार (धूलकोट सेलाकुई), नरेश सिंह (दधऊ कालसी), अरविंद कुमार पुंडीर (धूलकोट सेलाकुई), अरविंद कुमार गुरुंग (खेड़ा विकासनगर), नितेश कुमार, (लक्ष्मीपुर उम्मेदपुर), नीरज कुमार (ठाकुरपुर उम्मेदपुर), रितेश राणा (अपर नेहरूग्राम), नवराज थापा (शेरजुगर चंदनबाड़ी), राजेश शर्मा (गढ़ीकैंट), सुनील कुमार तमांग (कंडोली सहस्रधारा रोड), दीपक कुमार (प्रेमनगर), विवेक प्रधान (कौलागढ़), नितिन रावत (गोरखपुर चैक बड़ोवाला), विशाल राणा (गढ़ी कैंट), ब्रिजेश कुमार बोहरा (कंडोली), रणबहादुर पुन (ठाकुरपुर उम्मेदपुर), सुमन प्रधान (वनस्थली बल्लूपुर), रामबहादुर थापा (अंबीवाला प्रेमनगर), सुधीर कुमार (उम्मेदपुर), पंकज कुमार (छिद्दरवाला), रोहित थापा (ठाकुरपुर उम्मेदपुर), मोहन बहादुर (ठाकुरपुर उम्मेदपुर), अजय थापा (लक्ष्मीपुर उम्मेदपुर), अविनाश छेत्री (श्यामपुर अंबीवाला), नरेंद्र शर्मा (नेहरूग्राम), गौतम थापा (सुंदरवाला रायपुर)। इसके अलावा भी कई और व्यक्ति भी हैं, जिनकी संपूर्ण जानकारी अभी उपलब्ध नहीं हो पाई है। उत्तराखंड के सीएम से भी लगाई मदद की गुहार
अफगानिस्तान में फंसे कई उत्तराखंडियों ने इंटरनेट मीडिया पर वीडियो डालकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मदद की गुहार लगाई है। उन्होंने वीडियो में कहा कि मुख्यमंत्री जी हमारी जान खतरे में है, हमारी मदद कीजिए। उन्होंने यह भी बताया कि हथियारों से लैस तालीबानी उन्हें धमका रहे हैं। बताया कि वह जब स्वदेश लौटने के लिए एयरपोर्ट पहुंचे तो कुछ तालीबानी आतंकियों ने उन पर डंडों से वार किया और सामान छीन लिया। उसके बाद वह होटल में लौट आए और वहीं छिपे हैं।