बीते 27 बरसों में मोदी, राहुल, प्रियंका, माया, मुलायम, अखिलेश ने नहीं किये रामलला के दर्शन!

एक पहलू यह भी

  • वर्ष 1992 में अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाए जाने के बाद से अब तक कई बड़े नेताओं ने रामलला विराजमान के दर्शन से बनाई दूरी
  • राजनाथ सिंह ने बतौर मुख्यमंत्री 2002 में और योगी आदित्यनाथ ने मई 2017 में मुख्यमंत्री बनने के बाद रामलला के किये दर्शन  
  • वर्ष 2009, 2014 और 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान अयोध्या पहुंचे मोदी, लेकिन रामलला के दर्शन करने नहीं गए

लखनऊ/अयोध्या। वर्ष 1992 में अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाए जाने के बाद से अब तक कई बड़े नेताओं ने रामलला विराजमान के दर्शन से दूरी बनाकर रखी है। गौरतलब है कि बीते 27 बरसों में नरेंद्र मोदी, मुलायम सिंह यादव, मायावती, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और अखिलेश यादव भी रामलला नहीं गए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अंतिम बार मई 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान रैली करने अयोध्या पहुंचे थे। बतौर प्रधानमंत्री वे पहली बार अयोध्या पहुंचे थे, लेकिन रैली के बाद वे अयोध्या से रवाना हो गए। माना जा रहा था कि वे रामलला के दर्शन करने जाएंगे। हालांकि, इससे पहले 2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान भी मोदी अयोध्या पहुंचे थे। वर्ष 2014 के चुनाव में जब वह भाजपा की ओर से घोषित प्रधानमंत्री उम्मीदवार थे, तब अयोध्या में हुई उनकी रैली में स्टेज पर लगे बैनर में भव्य मंदिर दिखाया गया था।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ढाई साल में 18 बार अयोध्या जरूर गए हैं। योगी ही 27 साल में भाजपा के ऐसे दूसरे मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने रामलला विराजमान के दर्शन किए हैं। योगी अब तक 18 बार अयोध्या जा चुके हैं। इसी साल दिवाली पर वह दीपोत्सव मनाने अयोध्या पहुंचे थे।
मई 2017 में मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या का दौरा किया था। यहां उन्होंने सरयू तट पर पूजा की। हनुमान गढ़ी में 30 मिनट बिताए और फिर विवादित भूमि पर स्थापित रामलला के दर्शन किए। वह 1992 के बाद ऐसे दूसरे मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने रामलला के दर्शन किए। उनसे पहले राजनाथ सिंह ने बतौर मुख्यमंत्री 2002 में अयोध्या दौरे पर रामलला के दर्शन किए थे। ।
वर्ष 2012 से 2017 के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे अखिलेश यादव भी सिर्फ चुनाव प्रचार के लिए अयोध्या पहुंचे। अखिलेश पिछली बार मई 2019 में गठबंधन की रैली को संबोधित करने अयोध्या पहुंचे थे। हालांकि, इससे पहले पूरे पांच साल उन्होंने अयोध्या से दूरी बनाए रखी। अयोध्या से जुड़ी कुछ योजनाओं का शिलान्यास भी उन्होंने मुख्यमंत्री आवास से किया।
वर्ष 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी किसान यात्रा पर थे। इस दौरान सितंबर 2019 में वह अयोध्या पहुंचे। 1992 के बाद वह अयोध्या पहुंचने वाले गांधी परिवार के पहले सदस्य थे। उन्होंने हनुमान गढ़ी में भगवान का आशीर्वाद लिया, लेकिन विवादित भूमि पर स्थित रामलला से दूरी बनाए रखी।
यूपी की चार बार मुख्यमंत्री रहीं मायावती ने भी अयोध्या से हमेशा दूरी बनाए रखी। उन्होंने इस दौरान न हनुमान गढ़ी के दर्शन किए, न ही रामलला के दर्शन को गईं। चुनाव प्रचार के लिए उनके अयोध्या में दौरे जरूर हुए। इसी साल मई में वे गठबंधन की रैली को संबोधित करने अयोध्या पहुंची थीं।
इस साल लोकसभा चुनाव के दौरान 29 मार्च को प्रियंका गांधी रोड शो में शामिल होकर अयोध्या पहुंची थीं। 1992 में बाबरी विध्वंस के बाद प्रियंका अयोध्या पहुंचने वाली गांधी परिवार की दूसरी सदस्य थीं। हालांकि इस दौरान उन्होंने भी विवादित भूमि पर स्थित रामलला से दूरी बनाए रखी।
दूसरी ओर नवंबर 2018 में उद्धव ठाकरे पहली बार सपरिवार अयोध्या पहुंचे थे। यहां उन्होंने रैली की और रामलला के दर्शन भी किए। इसके बाद जून 2019 में वह फिर अयोध्या लौट गये थे। साथ ही रामलला के दर्शन भी किए थे।

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