अलगाववादी नेता गिलानी का निधन

घाटी में इंटरनेट सेवाएं बंद की

जम्मू। कट्टरपंथी अलगाववादी तथा हुर्रियत (जी) के पूर्व प्रमुख सैय्यद अली शाह गिलानी का बुधवार देर रात निधन हो गया। वे 92 वर्ष के थे। बुधवार दोपहर को सांस लेने में दिक्कत होने पर घर पर ही इलाज चल रहा था। वे 2008 से लगातार हैदरपोरा स्थित आवास पर नजरबंद थे। आईजीपी कश्मीर विजय कुमार ने बताया कि पूरी घाटी में पाबंदियां लगाने के साथ ही मोबाइल इंटरनेट सेवा स्थगित कर दी गई है। अनुच्छेद 370 हटने के बाद जून 2020 में उन्होंने हुर्रियत (जी) के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया था। 29 सितंबर 1929 को सोपोर में जन्मे गिलानी पूर्व में जमात-ए-इस्लामी के सदस्य थे, लेकिन बाद में तहरीक-ए-हुर्रियत का गठन किया। वे आल पार्टीज हुर्रियत कांफ्रेंस के चेयरमैन भी रहे। 1972, 1977 व 1987 में वे सोपोर से विधायक रहे। उनके निधन पर पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती व पीपुल्स कांफ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद गनी लोन ने संवेदना प्रकट की है। इस बीच दक्षिणी कश्मीर के अनंतनाग से हुर्रियत नेता तथा जम्मू-कश्मीर पीपुल्स लीग के अध्यक्ष मुख्तार अहमद वाजा को देर रात गिरफ्तार कर लिया गया।

पाक प्रधानमंत्री ने बताया पाकिस्तानी, एक दिन का राष्ट्रीय शोक

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सैयद अली शाह गिलानी की मौत पर फिर जहर उगला है। सैयद अली शाह गिलानी ने निधन पर इमरान खान ने भारत पर निशाना साधा और गिलानी को पाकिस्तानी बताते हुए देश के झंडे को आधा झुकाने का ऐलान किया और एक दिन के राष्ट्रीय शोक का भी ऐलान किया है।

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