अब नई आफत मोल ले बैठे हरदा, मांगी माफी!

  • पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिद्धू और कार्यकारी अध्यक्षों को बताया था पंज प्यारे

चंडीगढ़। एक ओर पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिद्धू और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच पेंडूलम की तरह झूल रहे हैं और कभी ‘इधर जाउं’ तो कभी ‘उधर जाउं’ के जाल में फंसे हुए हैं। अब उन्होंने एक नई आफत मोल ले ली है। रावत ने बीते मंगलवार को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिद्धू और कार्यकारी अध्यक्षों के लिए पंज प्यारे शब्द का इस्तेमाल किया था। जिसके बाद विवाद और तेज हो गया था। विपक्षी दलों ने रावत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। 
अकाली दल ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में रावत के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग तक कर डाली है। विवाद को बढ़ता देख आज बुधवार को रावत अपने बयान को लेकर माफी मांगते हुए कहा है कि उन्होंने गलती की है। वह अपनी गलती के लिए माफी मांगते हैं। वह अपने राज्य उत्तराखंड में गुरु के घर में झाड़ू लगाकर अपनी इस गलती का प्रायश्चित करेंगे। उनकी मंशा किसी की तुलना पंज प्यारों से करने की नहीं थी।
गौरतलब है कि पंज प्यारे खालसा सिख धर्म के विधिवत दीक्षाप्राप्त अनुयायियों का सामूहिक रूप हैं। खालसा पंथ की स्थापना श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने 13 अप्रैल 1699 को बैसाखी वाले दिन श्री आनंदपुर साहिब में की। इस दिन उन्होंने सर्वप्रथम पंज प्यारों को अमृतपान करवा कर खालसा बनाया और इसके बाद उन पंज प्यारों के हाथों से स्वयं भी अमृतपान किया।
हरीश रावत ने लिखा…. ‘मुझसे कल अपने अध्यक्ष व चार कार्यकारी अध्यक्षों के लिए ‘पंज प्यारे’ शब्द का उपयोग करने की गलती हुई है। मैं देश के इतिहास का विद्यार्थी हूं और पंज प्यारों के अग्रणी स्थान की किसी और से तुलना नहीं की जा सकती है। मुझसे ये गलती हुई है, मैं लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए क्षमा प्रार्थी हूं। मैं अपने राज्य उत्तराखंड में गुरु के घर में झाड़ू लगाकर अपनी इस गलती का प्रायश्चित करूंगा।’
बीते मंगलवार को हरीश रावत ने पंजाब कांग्रेस भवन में नवजोत सिंह सिद्धू और कार्यकारी अध्यक्षों से मुलाकात की थी। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच चुनाव से पहले संगठन विस्तार पर चर्चा हुई। हरीश ने कहा कि चुनाव में पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए सभी को योग्यता के अनुसार काम सौंपा जाएगा। जल्द ही इसके लिए कमेटियों का भी गठन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सिद्धू ने आश्वासन दिया है कि आने वाले 15 दिनों के भीतर संगठन के ढांचे को लेकर काम शुरू हो जाएगा। सिद्धू से मुलाकात के बाद रावत ने कहा कि वह आज बुधवार को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से मुलाकात करेंगे। 

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