शर्मनाक वाकया
- 60 दिन में पूरी करनी होगी जांच, जांच अधिकारी को सौंपे केस से जुड़े दस्तावेज
- छत्तीसगढ़ की 25 वर्षीया युवती ने लगाया है शांतिकुंज के प्रमुख पर रेप का आरोप
हरिद्वार। शांतिकुंज के डॉ. प्रणव पण्ड्या के खिलाफ दर्ज किए गए दुष्कर्म के मुकदमे में हरिद्वार पुलिस पॉक्सो एक्ट बढ़ाने पर मंथन कर रही है। क्योंकि तहरीर में पीड़िता ने घटना के वक्त खुद को नाबालिग दर्शाया था, लेकिन पॉक्सो एक्ट इसके बाद आया। हाई प्रोफाइल केस की जांच के लिए रविवार को दिनभर पुलिस के उच्चाधिकारियों के बीच मंथन चला।
कोतवाली पुलिस ने केस से जुड़े सभी दस्तावेज जांच अधिकारी मीना आर्या को सौंप दिए। पुलिस अब पीड़िता से संपर्क करने का प्रयास कर रही है। 60 दिन में मामले की जांच पूरी करनी है। छत्तीसगढ़ की 25 वर्षीया युवती ने डॉ. प्रणव पण्ड्या के खिलाफ दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए दिल्ली के विवेक विहार थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। पीड़िता ने डॉ. प्रणव की पत्नी पर भी मुंह बंद करने की धमकी देने का आरोप लगाया था।
तहरीर में युवती ने घटनास्थल शांतिकुंज बताया था, इसलिए दिल्ली पुलिस ने दोनों के खिलाफ जीरो एफआईआर दर्ज कर तफ्तीश के लिए हरिद्वार भेज दिया था। शनिवार को एसएसपी ने मुकदमे की जांच के लिए मीना आर्या को नामित किया था।हरिद्वार कोतवाली पुलिस ने रविवार को मुकदमे से जुड़े सभी दस्तावेज जांच अधिकारी मीना आर्या को सौंप दिए। सीओ सिटी अभय प्रताप सिंह ने बताया कि वर्ष 2010 में जब की घटना है, तब पीड़िता नाबालिग थी। लिहाजा मुकदमे में पॉक्सो एक्ट बढ़ाने को लेकर पुलिस असमंजस में है। इसकी एक वजह पॉक्सो एक्ट का वर्ष 2012 में लागू होना है।