हरिद्वार। कांग्रेस नेत्री पूनम भगत को शुक्रवार रात को जेल की बैरक में कंबल डालकर जमीन पर सोना पड़ा तो सारी रात करवटें बदलने में ही गुजर गई। आज शनिवार को भी वह गुमसुम ही नजर आई।
गौरतलब है कि ज्वालापुर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला देवतान में रहने वाली कांग्रेस कर पूर्व प्रदेश सचिव पूनम भगत को पुत्रवधू यशिका की की संदिग्ध परिस्थितियों में 24 फरवरी को मौत हो गई थी। बीते शुक्रवार को पूनम भगत को ज्वालापुर पुलिस ने रुड़की से गिरफ्तार किया था। वहीं शाम के समय न्यायालय में पेश करने के बाद पूनम भगत को जेल भेज दिया गया था।
उसे महिला बैरक में रखा गया। जेल में जाने के बाद वह गुमसुम दिखाई दी। बैरक में बंद अन्य महिलाओं के उसने रात में कोई बात नहीं की। आज शनिवार सुबह उसे नाश्ता दिया गया। जेल अधीक्षक शिवमूरत सिंह ने बताया कि सामान्य बंदियों के साथ ही पूनम भगत को रखा गया है। उसे कोई वीआईपी ट्रीटमेंट नहीं दिया गया है। पुत्रवधू की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में फरार चल रही ढाई हजार की इनामी कांग्रेस की पूर्व प्रदेश सचिव पूनम भगत को पुलिस ने शुक्रवार को रुड़की रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार कर लिया था। वहीं उनके दूसरे बेटे सौभाग्य भगत उर्फ वासु की तलाश में पुलिस जुटी है।
कांग्रेस की पूर्व प्रदेश सचिव पूनम भगत के बेटे शिवम भगत की पत्नी यशिका की 24 फरवरी को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। घटना के बाद शिवम भगत को पुलिस ने मौके से ही गिरफ्तार कर लिया था, जबकि पूनम भगत और उसका छोटा बेटा फरार हो गए थे। पूनम भगत इस मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए कोर्ट से राहत पाने का प्रयास कर रही थी। पांच दिन पहले ज्वालापुर पुलिस ने पूनम भगत के खिलाफ एनबीडब्ल्यू वारंट भी कोर्ट से लिया था। तीन दिन पहले उसके घर के आसपास के क्षेत्र में मुनादी करवाकर कुर्की नोटिस भी चस्पा किया था।
ज्वालापुर कोतवाल प्रवीण सिंह कोश्यारी ने बताया कि शुक्रवार को सूचना मिली कि पूनम भगत रुड़की रेलवे स्टेशन पर है और वहां से किसी दूसरे राज्य में जाने के लिए ट्रेन का इंतजार कर रही है। ज्वालापुर कोतवाल अपने साथ उपनिरीक्षक लाखन सिंह, आरक्षी देवेंद्र चौधरी व महिला आरक्षी हेमलता को लेकर रुड़की पहुंचे और पूनम भगत को गिरफ्तार कर हरिद्वार लेकर आ गये।