कोरोना ने केंद्रीय कार्मिकों और पेंशनरों को दिया जोर का झटका!

…आगे आगे देखिये होता है क्या

  • इस वर्ष नहीं मिलेगा अतिरिक्त महंगाई भत्ता, वित्त मंत्रालय ने जारी किया आदेश
  • 1 जनवरी 2021 से दिए जाने वाले महंगाई भत्ता का भुगतान भी रोका
  • इससे केंद्र को वित्त वर्ष 2020-21 और 2021-22 में होगी 37,530 करोड़ की बचत
  • मोदी सरकार के इस फैसले के बाद राज्य सरकारें भी रोक सकती हैं महंगाई भत्ता

नई दिल्ली। देशभर में कोरोना वायरस संक्रमण के चलते नकारात्मक आर्थिक असर को देखते हुए केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों को लेकर एक बड़ा झटका दिया है।
वित्त मंत्रालय ने आज गुरुवार को कहा कि केंद्रीय कर्मचारियों को 1 जनवरी 2020 से मिलने वाली अतिरिक्त महंगाई भत्ते पर रोक लगा दी है। इसी प्रकार से केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों को भी 1 जनवरी 2020 से दिए जाने वाले अतिरिक्त महंगाई राहत भत्ते का भी भुगतान नहीं किया जाएगा। इस महंगाई भत्ते को रोकने केंद्र सरकार को वित्त वर्ष 2020-21 और 2021-22 में करीब 37,530 करोड़ रुपए की बचत होगी। हालांकि वित्त मंत्रालय ने साफ किया है कि मौजूदा दर पर महंगाई भत्ते का भुगतान होता रहेगा।
केंद्र सरकार के फैसले के बाद राज्य सरकारें भी अपने कर्मचारियों और पेंशनर्स का महंगाई भत्ता रोक सकती हैं। यदि राज्य सरकारें ऐसा करती हैं तो इस मद में करीब 82,566 करोड़ रुपए की बचत होगी। इस प्रकार केंद्र और राज्य सरकारों को महंगाई भत्ते की मद में 1.20 लाख करोड़ रुपए की बचत होगी, जो कोरोना के खिलाफ जंग में काफी मदद करेगी।
वित्त मंत्रालय ने कहा है कि 1 जुलाई 2020 और 1 जनवरी 2021 से दी जाने वाली महंगाई भत्ता और महंगाई राहत भत्ता का भी भुगतान नहीं किया जाएगा। इस प्रकार केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनरों को जून 2021 तक महंगाई भत्ते का भुगतान नहीं हो पाएगा। सरकार प्रत्येक 6 महीने के अंतराल पर महंगाई भत्ते में बदलाव करती है। बदलाव के बाद महंगाई भत्ता का भुगतान हर साल 1 जनवरी और 1 जुलाई से किया जाता है। केंद्र सरकार के इस फैसले से 1.13 करोड़ कर्मचारी और पेंशनर प्रभावित होंगे। इसमें करीब 48 लाख कर्मचारी और 65 लाख पेंशनर शामिल हैं।

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