देश के सैनिको को समर्पित “राष्ट्रीय युद्ध स्मारक” : मोदी

  • इंडिया गेट के पास 40 एकड़ में बनाया गया राष्ट्रीय युद्ध स्मारक, 500 करोड़ रुपये हुए खर्च
  • वर्ष 1960 में आया था प्रस्ताव, मोदी सरकार ने चार साल पहले ही दी थी निर्माण को मंजूरी
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर पूर्व सैनिकों को भी सम्बोधित किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां इंडिया गेट के पास 40 एकड़ में बनाए गए ​​जिस राष्ट्रीय युद्ध स्मारक काे राष्ट्र के सभी शहीदों को समर्पित किया। यह उन जवानों के प्रति सम्मान का सूचक है जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपनी जान कुर्बान की है। यह वतन की रक्षा करते हुए शहीद होने वाले 25,942 से वीर जवानों की याद में बनाया गया है। यह स्मारक उन सैनिकों के लिए है जिन्होंने 1947 में चीन-भारत युद्ध के साथ ही वर्ष 1947, 1965 और 1971 में भारत-पाक युद्ध, श्रीलंका में भारतीय शांति रक्षा बल के संचालन और 1999 में कारगिल संघर्ष में देश की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए थे।
इस राष्ट्रीय युद्ध स्मारक को ऐसे तैयार किया गया है, जिससे राजपथ और इसकी भव्य संरचना के साथ कोई छेड़छाड़ न हो। इससे लगे प्रस्तावित नेशनल वॉर म्यूजियम के लिए उपयुक्त डिजाइन तय करने की प्रक्रिया चल रही है। इसकी शुरुआती लागत करीब 500 करोड़ रुपए है और इसे तैयार होने में अभी कुछ साल और लगेंगे।
इसके मध्य में 21 परमवीर चक्र विजेताओं की प्रतिमायें बनी हैं। षटभुज आकार में बने मेमोरियल के केंद्र में 15 मीटर ऊंचा स्मारक स्तंभ बनाया गया है। इस पर भित्ति चित्र, ग्राफिक पैनल, शहीदों के नाम और 21 परमवीर चक्र विजेताओं की मूर्ति बनाई गई है। जिसमें तीन जीवित पुरस्कार विजेता – सब मेजर (हनी कैप्टन) बाना सिंह (सेवानिवृत्त), सब मेजर योगेंद्र सिंह यादव और उप संजय कुमार शामिल हैं। स्मारक चार चक्रों पर केंद्रित है- अमर चक्र, वीरता चक्र, त्याग चक्र, रक्षक चक्र। इसमें थल सेना, वायुसेना और नौसेना के शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी गई है। शहीदों के नाम दीवार पर उकेरे गए हैं। स्मारक का निचला भाग अमर जवान ज्योति जैसा है।
पहली बार 1960 में नेशनल वॉर मेमोरियल बनाने का प्रस्ताव सशस्त्र बलों ने दिया था, लेकिन सरकारों की उदासीनता, ब्यूरोक्रेट्स और सेना के बीच गतिरोध से इसका निर्माण नहीं हो सका। मोदी सरकार ने अक्टूबर 2015 में इस स्मारक के निर्माण को मंजूरी दी थी। दुनिया के बड़े देशों में सिर्फ भारत में ही अब तक युद्ध स्मारक का निर्माण नहीं हुआ था। अंग्रेजों ने पहले विश्व युद्ध में शहीद भारतीयों की याद में 1931 में इंडिया गेट बनवाया था। 1971 के युद्ध में शहीद हुए 3843 सैनिकों के सम्मान में अमर जवान ज्योति बनाई गई थी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here