हल्द्वानी अतिक्रमण मामले पर बोले धामी, कोर्ट का निर्णय ही होगा सर्वमान्य

देहरादून। हल्द्वानी में रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण कर बनाई गई झुग्गियों को हटाने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है। हल्द्वानी के वनभूलपूरा में रेलवे की जमीन से हटाए जाने वाले अतिक्रमण का मामला राजनीतिक रंग ले चुका है। कांग्रेस और सपा लगातार सरकार पर हमलावर है। वहीं अतिक्रमणकारी लगातार राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलकर प्रदर्शन कर रहे हैं। अतिक्रमण हटाओ अभियान के खिलाफ कोर्ट में एक और अर्जी दाखिल की गई है। इसमें वकील प्रशांत भूषण ने जल्द सुनवाई की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट दूसरी याचिका के साथ सुनवाई को तैयार हुई है।

स्थानीय विधायक सुमित हृदयेश की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई याचिका पर कल सुनवाई होगी। सुमित हृदयेश की ओर से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व अधिवक्ता सलमान खुर्शीद एससी में पैरवी करेंगे। उधर जाने माने अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने भी मामले में याचिका दाखिल की है। वहीं इस मामले में मुख्यमंत्री धामी ने बुधवार को कहा- हमें न्यायालय पर भरोसा रखना चाहिए, उसके बाद फैसला लेंगे, इस मामलम में राजनीति नही होनी चाहिए। साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के द्वारा इस मामले पर आज किए गए मौन उपवास पर मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सभी लोगों को कोर्ट के फैसले का सम्मान करना चाहिए। धामी सरकार भी उसी राह पर चलने का काम करती है।

इस बीच नैनीताल के डीएम धीराज गर्बयाल ने कहा- यहां पर जितने भी लोग हैं वे रेलवे की भूमि पर हैं। इनको हटाया जाना है, इसके लिए हमारी तैयारी पूरी चल रही है। हमने फोर्स की मांग की है। आने वाले कुछ समय में हम उन्हें हटाएंगे। ये उच्च न्यायालय का आदेश है उसका पालन करना होगा।

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