जन शिकायतें निपटाने में ‘ढीले’ अफसरों पर गिरेगी गाज!

सीएम हेल्पलाइन का मामला

  • त्रिवेंद्र खुद लेंगे समीक्षा बैठक, शिकायतों के निस्तारण के अनुसार हर जिले और विभागों की होगी रैंकिंग
  • लापरवाह अधिकारियों पर की जायेगी कार्रवाई और बेहतर प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को सीएम करेंगे पुरस्कृत

देहरादून। सीएम हेल्पलाइन पर तय समय में शिकायतों का निस्तारण न करने वाले अधिकारीयों को चिन्हित कर  कमिश्नर गढ़वाल मंडल और कमिश्नर कुमाऊं मंडल ने समीक्षा बैठक में जिलाधिकारियों को कार्यवाही करने के दिये निर्देश
गौरतलब है कि जनसमस्याओं का सही तरीके से समाधान न होने की शिकायतों भी भरमार होने के बाद त्वरित कार्रवाई के लिये मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जनता की समस्याओं के जल्द और समुचित समाधान के लिए सीएम हेल्पलाइन टॉल फ्री फ़ोन नंबर 1905 जारी किया था, जिस पर घर बैठे कोई भी अपनी शिकायत और सुझाव दर्ज करवा सकता है।
इसी क्रम में त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अति महत्वाकांक्षी सीएम हेल्पलाइन 1905 योजना के सबंध में कमिश्नर गढ़वाल मंडल रविनाथ रमन ने गढ़वाल मंडल के सभी  जिलों और कमिश्नर कुमांऊ मंडल राजीव रौतेला ने कुमाऊं मंडल के सभी जिलों के जिलाधिकारियों और जनपद स्तर के अधिकारियों से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से समीक्षा बैठक ली। इस बैठक में अब तक आईं कुल शिकायतों और उनके निस्तारण व गुणवत्ता पर सभी जिलाधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गयी।
शिकायत टोल फ्री फोन नंबर 1905 या सीएम हेल्पलाइन उत्तराखंड वेबसाइट cmhelpline.uk.gov.in पर घर बैठे ही दर्ज करायी जा सकती है। डिजिटल इंडिया को साकार करती हुई सीएम हेल्पलाइन 1905 में इनर्फोमेशन टेक्नोलॉजी के माध्यम से पेपरलेस तकनीक को उपयोग किया गया है जिससे शिकायत कर्ता को कागज़ द्वारा शिकायत दर्ज कराने की जरूरत नहीं है। अधिकारी भी शिकायतों का निस्तारण पेपरलेस तकनीक का उपयोग करके ऑनलाइन ही निश्चित समय अवधि में करा रहे हैं। प्रदेश के 3500 अधिकारियों को अगस्त और सितम्बर माह में सीएम हेल्पलाइन में आ रही शिकायतों के निस्तारण के लिये मुख्यमंत्री के निर्देश पर सभी जिलों में ट्रेनिंग दी जा चुकी है। इस हेल्पलाइन की मदद से शिकायतों का चार चरण तक निस्तारण होना है। शिकायतकर्ता अगर पहले चरण की जांच से संतुष्ट न हो तो उसे अगले चरण में भेज दिया जाता है।
इस बाबत अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि सीएम हेल्पलाइन मोबाइल एप अपने फ़ोन में इंस्टाल कर लें और प्रत्येक दिन मोबाइल एप या वेबसाइट पर जन शिकायत देखें और उनका त्वरित निस्तारण करें। बैठक में सेवा के अधिकार से सबंधित सभी सेवाओं को भी इडिस्ट्रिक्ट पोर्टल से जोड़ने के निर्देश दिये गये। बैठक में बताया गया कि सीएम हेल्पलाइन की हर महीने मंडल आयुक्त स्तर पर अनिवार्य रूप से सभी जिलों की समीक्षा बैठक की जायेगी। अब इस बैठक के बाद शीघ्र ही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी प्रदेश के समस्त सचिव, विभाग अध्यक्ष और जिला अधिकारियों की सचिवालय में सीएम हेल्पलाइन की समीक्षा बैठक लेंगे। इस बैठक में शिकायतों के निस्तारण के अनुसार प्रत्येक जिले और विभागों की रैंकिंग की जायेगी।
जो अधिकारी लापरवाह पाये जायेंगे उन पर कार्यवाही की जायेगी और बेहतर प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को मुख्यमंत्री द्वारा पुरस्कृत किया जायेगा।

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