राज्य स्थापना दिवस पर सीएम ने बांटीं सौगातें

  • राज्य में नया भूमि बंदोबस्त करने, उपनल/पीआरडी कर्मचारियों का मानदेय बढ़ाने सहित एक दर्जन से अधिक की जनहित की घोषणाएं

देहरादून। उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्य में नया भूमि बंदोबस्त करने, उपनल/पीआरडी कर्मचारियों का मानदेय बढ़ाने, सीमांत तहसीलों के लिए मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना बनाने सहित एक दर्जन से अधिक घोषणाएं कीं।

इस अवसर पर परेड ग्राउन्ड में आयोजित मुख्य कार्यक्रम ‘भारत भारती उत्सव‘ में भारत की सांस्कृतिक एकता के विविध रंग देखने को मिले। इस मौके पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राज्य आंदोलन के शहीदों का स्मरण करते हुए कहा कि सरकार प्रदेश के संतुलित विकास के लिए लगातार प्रयासरत है। आज का दिन ऐतिहासिक है, प्रदेश के लिए भी और देश के लिए भी। आज तमाम समस्याओं का निवारण हो रहा है। राज्य स्थापना सप्ताह के तहत विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर सरकार युवाओं, महिलाओं, सैनिकों, अप्रवासी उत्तराखण्डियों का सहयोग लेना चाहती है।

रैबार, सैनिक सम्मेलन, महिला सम्मेलन, युवा सम्मेलन, फिल्म कान्क्लेव में प्राप्त सुझावों को अमल में लाया जाएगा। ‘भारत भारती उत्सव‘ में भारतीय संस्कृति के विविध रंग देखने को मिले है। यहां से सांस्कृतिक एकता का संदेश गया है।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश के विकास और जनता की बेहतरी के लिये विभिन्न घोषणाएं भी कीं। उन्होंने कहा कि आंगनवाडी केंद्रों पर 3 से 6 वर्ष के बच्चों के लिए सप्ताह में 4 दिन दूध,  2 दिन अंडा व केला उपलब्ध होगा। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के समान ही मुख्यमंत्री राज्य कृषि विकास परियोजना लागू होगी।

वृद्धावस्था, विकलांगता, विधवा पेंशन में 200 रुपए की वृद्धि की जाएगी, 1 जनवरी 2020 से लागू होगी।उपनल/पीआरडी कर्मचारियों का मानदेय बढ़ाकर 500 रुपए प्रतिदिन किया जाएगा, यह भी 1 जनवरी  2020 से लागू होगा। इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए नीति बनाई जाएगी। सीमांत क्षेत्रों के विकास के लिए सीमांत तहसीलों में मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना लाई जाएगी। इससे पहाड़ों और दूरस्थ क्षेत्रों से पलायन रुक सकेगा, रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इसका सुझाव सैनिक सम्मेलन में प्राप्त हुआ था।कामकाजी महिलाओं के बच्चों की देखभाल के लिए सेलाकुईं व रुद्रपुर में महिला हॉस्टल का निर्माण किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि राज्य में पशुओं का बीमा कराये जाने हेतु बीमा धनराशि की गैप फंडिंग की भरपाई राज्य सरकार द्वारा की जाएगी। ग्रामीण क्षेत्रों के लिए सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट योजना बनाई जाएगी। राज्य में दीनदयाल उपाध्याय एकीकृत भूकंप सुरक्षा कार्यक्रम का क्रियान्वयन किया जाएगा। प्राथमिक स्कूलों में बच्चों को सप्ताह में एक दिन मीठा दूध उपलब्ध कराया जाएगा।

सभी जनपदों में आधुनिक विधि से सर्वेक्षण कर भू बंदोबस्त किया जाएगा। पहले पौड़ी गढ़वाल और अल्मोड़ा जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में किया जाएगा। मिशन इन्द्रधनुष के तहत चिन्हित अति संवेदनशील क्लटरों में स्वास्थ्य से इतर अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराने के लिए सभी जनपदों में सर्व उत्थान सर्व समृद्धि अभियान चलाया जाएगा। लोक कलाकारों के मानदेय को 400 रूपए से बढ़ाकर 600 रूपए और टीम लीडर का मानदेय 500 से बढ़ाकर 700 रूपए किया जाएगा।

कार्यक्रम में सूचना विभाग द्वारा प्रकाशित विकास पुस्तिका और बीस सूत्री कार्यक्रम की प्रगति रिपोर्ट 2018-19 का विमोचन किया गया। कार्यक्रम में यूपीईएस, डीआईटी, ग्राफिक ऐरा, उत्तरांचल विवि, दिल्ली पब्लिक स्कूल, डॉल्फिन इन्स्टीट्यूट सहित अन्य संस्थानों के छात्रों ने विभिन्न प्रान्तों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं। इस अवसर पर केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री डा. रमेश पोेेखरियाल निशंक, विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल, सांसद अजय भट्ट, माला राज्यलक्ष्मी शाह, कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत, विधायक गणेश जोशी, खजानदास, राज्य स्तरीय बीस सूत्री कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति के उपाध्यक्ष नरेश बंसल, मेयर सुनील उनियाल गामा, सचिव दिलीप जावलकर आदि उपस्थित थे।  

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