धामी सरकार ने पेश किया ₹89,230.07 करोड़ का बजट, यहां देखिए सरकार की प्राथमिकताएं…

देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा सत्र के दूसरे दिन आज धामी सरकार ने विधानसभा के पटल पर वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए बजट रखा। सदन में प्रश्न काल शुरू हुआ तो विपक्ष ने नियम 310 के तहत प्रदेश भर में कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए। प्रश्नकाल के बाद वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने उत्तराखंड के इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा बजट पेश किया।

उत्तराखंड की धामी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 89 हजार 230 करोड़ 7 लाख का बजट पेश कर दिया है। सरकार को 88,597.11 करोड़ के राजस्व प्राप्ति का अनुमान है। इसमें 60,552.90 करोड़ रुपए की राजस्व प्राप्ति और 28,044.21 करोड़ की पूंजीगत प्राप्तियों का अनुमान लगाया गया है। इससे पहले वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल छिहत्तर हजार पांच सौ बयानबे करोड़ चौवन लाख रुपये (₹76592.54 करोड़) का बजट पेश किया गया था। इसमें सत्तावन हजार सत्तावन करोड़ छब्बीस लाख (₹57057.26 करोड़) राजस्व प्राप्तियां व उन्नीस हजार पांच सौ पैंतीस करोड़ अठ्ठाइस लाख (₹19535.28 करोड़) पूंजीगत प्राप्तियां अनुमानित थीं।

वित्त मंत्री ने कहा कि ये बजट अग्रणी उत्तराखण्ड की अवधारणा पर आधारित है। सरकार की मंजिल सशक्त उत्तराखंड है।उन्होंने कहा कि अग्रणी उत्तराखण्ड’ की हमारी अवधारणा परंपरा व प्रौद्योगिकी के तथा आधुनिक अवसंरचना व प्रकृति के साथ तालमेल रखते हुए सभी प्रदेशवासियों का और सभी क्षेत्रों का विकास करना है। सरकार की कोशिश गांव और शहर, पहाड और मैदान, स्त्री व पुरूष, युवा व बुजुर्ग, किसान और उद्यमी सबको बेहतरी के अवसर प्रदान करने का है। विकास का ये मॉडल इकोनॉमी, इकोलॉजी, टेक्नोलॉजी, इनोवेशन एवं एकाउंटिबिलिटी पर आधारित है।

विपक्ष ने बजट सत्र में सरकार को घेरा: दूसरे दिन की कार्रवाई शुरू होते ही सदन में विपक्ष लगातार प्रश्नकाल में सरकार के ऊपर एक के बाद एक सवाल दागे। वहीं सदन में जाने से पहले नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि विपक्ष की पूरी कोशिश है कि वह सदन को सुचारू संसदीय कार्य प्रणालियों के अनुसार चलाने में अपना सहयोग दे, साथ ही यशपाल आर्य ने यह भी कहा कि उनकी हर एक कोशिश होती है कि सदन में किसी भी तरह का व्यवधान विपक्ष खड़ा ना करे। सदन में जाने से पहले नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था का बुरा हाल है। जिस तरह से एक के बाद एक लॉ एंड ऑर्डर के मामले प्रदेश भर में चले आ रहे हैं, उनको लेकर विपक्ष नियम 310 के तहत सदन में सवाल खड़ा कर रहा है।

सिंचाई नहर निर्माण का मामला उठा: विधायक रवि बहादुर ने सदन में ज्वालापुर सुभाषगढ़ सिंचाई नहर निर्माण योजना का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि केंद्र पोषित एआईबीपी मद से कार्य हुआ है। नहर निर्माण में 7 करोड़ खर्च होने के बावजूद निर्माण कार्य अधूरा है। इस पर विपक्ष ने कहा कि भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों के नाम सरकार सार्वजनिक करे। वहीं प्रीतम सिंह ने कहा कि 2021 से जांच चल रही है, लेकिन ये आज तक पूरी नहीं हुई। इस पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि घोटालेबाज अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई होगी। महाराज ने ये भी कहा कि काश्तकारों से NOC के बाद निर्माण कार्य पूरा करेंगे।

वित्त मंत्री ने गिनाई सरकार की प्राथमिकताएं…

• प्रदेश के समस्त जनपदों में हवाई सम्पर्क सैचुरेशन।
प्रदेश में समस्त चिन्हित असुरक्षित पुलों से छुटकारा।
• प्रदेश में नदी के ऊपर से आवागमन हेतु संचालित समस्त असुरक्षित ट्रालियों से मुक्ति।
• प्रदेश में समस्त चिन्हित स्थलों पर क्रैश बैरियर का निर्माण।
• प्रदेश के समस्त सरकारी विद्यालयों में आवश्यक फर्नीचर की आपूर्ति।
• आगामी वर्षों में प्रदेश के समस्त सरकारी भवनों को चरणबद्ध रूप से सोलर एनर्जी सिस्टम से सैचुरेशन।
• प्रदेश के समस्त सरकारी कार्यालयों में चरणबद्ध ई-ऑफिस क्रियान्वयन।
• प्रदेश में भू अभिलेख व अन्य शासकीय अभिलेखों का चरणबद्ध रूप से पूर्ण डिजिटाईजेशन।
• प्रदेश में कृषि, उद्यान एवं वन विभाग के अन्तर्गत चरणबद्ध रूप से बायो-फैन्सिंग सैचुरेशन।
• प्रदेश के समस्त जनपदों में स्वरोजगार केन्द्र की स्थापना एवं सुदृढ़ीकरण।
• प्रदेश के समस्त ग्राम पंचायतों में पंचायत भवनों की स्थापना। प्रदेश में समस्त चिन्हित स्थलों पर पार्किंग का निर्माण।
• प्रदेश में समस्त जनपद मुख्यालय एवं 50 हजार से अधिक आबादी वाले शहरों में पुस्तकालय की स्थापना एवं सुदृढ़ीकरण।
• प्रदेश के प्रत्येक जिले में थीम बेस्ड विज्ञान व नवाचार केन्द्र की स्थापना व सुदृढ़ीकरण।
• प्रदेश के समस्त जनपद मुख्यालय एवं 50 हजार से अधिक आबादी वाले शहरों में इण्डोर तथा ओपन स्टेडियम की स्थापना एवं सुदृढीकरण।
• प्रदेश के समस्त जनपद मुख्यालयों में ऑडिटोरियम और संस्कृति केन्द्र की स्थापना और सुदृढ़ीकरण।

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