नक्सलियों के हमले में 16 कमांडो शहीद

महाराष्ट्र दिवस पर दुखद हादसा

  • महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में नक्सलियों ने सी 60 यूनिट की गाड़ी पर घात लगाकर किया आईईडी विस्फोट 
  • नक्सलियों ने गढ़चिरौली में ही ठेकेदारों के तीन दर्जन वाहनों को लगाई आग 

गढ़चिरौली। महाराष्ट्र दिवस के मौके पर गढ़चिरौली में नक्सलियों द्वारा किए गए आईईडी ब्लास्ट में कमांडो टीम के 16 जवान शहीद हो गए। घटना के वक्त सी 60 कमांडो की यूनिट का दस्ता वहां से गुजर रहा था। इसी दौरान नक्सलियों ने घात लगाकर आईईडी ब्लास्ट किया। फिलहाल घटनास्थल पर पुलिस और नक्सलियों के बीच फायरिंग चल रही है। इससे पहले महाराष्ट्र दिवस के मौके पर गढ़चिरौली में ही नक्सलियों ने निजी ठेकेदारों के तीन दर्जन वाहनों को आग लगा दी। नक्सलियों ने गढ़चिरौली के कुरखेड़ा में आईईडी विस्फोट  किया। कमांडो की गाड़ी में 16 जवान सवार थे। बुधवार को ही गढ़चिरौली के कुरखेड़ा में नक्सलियों ने सड़क निर्माण में जुटे निजी ठेकेदारों के करीब तीन दर्जन वाहनों में आग लगा दी। यह घटना आज सुबह उस वक्त घटी जब सरकार राज्य का स्थापना दिवस ‘महाराष्ट्र दिवस’ मनाने की तैयारी कर रही थी। गौरतलब है कि नक्सल खतरों को ध्यान में रखते हुए वर्ष 1992 में सी-60 फोर्स तैयार की गई थी। इसमें पुलिस फोर्स के सर्वश्रेष्ठ 60 जवान शामिल होते हैं। यह काम गढ़चिरौली के तत्कालीन एसपी केपी रघुवंशी ने किया था। सी-60 टीम में शामिल पुलिस वालों को गुरिल्ला युद्ध के लिए भी प्रशिक्षित किया जाता है और इनकी ट्रेनिंग हैदराबाद, बिहार व नागपुर में होती है। इस फोर्स को महाराष्ट्र की सबसे बेहतर फोर्स माना जाता है। खुफिया जानकारी के आधार पर रोज सुबह यह फोर्स आसपास के क्षेत्र में ऑपरेशन को अंजाम देती है। सी-60 का हर जवान अपने साथ करीब 15 किलो का बैग लेकर चलते हैं, जिसमें हथियार के अलावा, खाना, पानी, फर्स्ट ऐड और बाकी सामान शामिल होता है। जानकारी के अनुसार नक्सली गत वर्ष 22 अप्रैल के दिन सुरक्षा बलों द्वारा मारे गए अपने 40 साथियों की मौत की पहली बरसी मनाने के लिए एक सप्ताह के विरोध प्रदर्शन के अंतिम चरण में थे। गढ़चिरौली में ही जिन वाहनों को नक्सलियों ने अपना निशाना बनाया, उनमें से ज्यादातर सड़क निर्माण कंपनी अमर इंफास्ट्रक्चर लिमिटेड के थे जो दादापुर गांव के पास राष्ट्रीय राजमार्ग- 136 के पुरादा-येरकाड सेक्टर के लिए निर्माण  में जुटी है। नक्सलियों ने पिछले साल अपने साथियों की हत्या की निंदा करते हुए घटनास्थल पर पोस्टर और बैनर भी लगाए और जाने से पहले दो जेसीबी, 11 टिप्पर, डीजल और पेट्रोल टैंकर, रोलर, जेनरेटर वैन और उनके दो कार्यालयों को भी आग लगा दी। 


ठेकेदारों के तीन दर्जन वाहनों को आग लगा दी

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