मौसम की मार
- अल नीनो के प्रभाव के चलते बारिश होगी कम, दिल्ली-एनसीआर में 45 पार जाएगा पारा
- तमिलनाडु और तटीय आंध्र में इसी कारण अभी से रंग दिखाने लगी है लू, गर्मी से लोग परेशान
दिल्ली-एनसीआर में इस बार गर्मी में लू के थपेड़े ज्यादा पड़ेंगे। तीन अप्रैल से जबरदस्त गर्मी होने की आशंका जताई जा रही है। हालांकि मौसम विज्ञानी इसके पीछे की वजह ‘अल नीनो’ को बता रहे हैं। मौसम विभाग भी अल नीनो के असर से इस साल ज्यादा गर्मी और कमजोर मॉनसून का दावा कर चुका है।
मौसम विज्ञानियों के अनुसार अल नीनो का असर मॉनसून पर बुरा असर डाल सकता है। हालांकि अभी इसका आकलन हो रहा है और मौसम पर अल नीनो के असर की पूरी रिपोर्ट अप्रैल के इसी हफ्ते में आएगी, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि अल नीनो के शुरुआती असर के कारण ही राजधानी और आसपास के इलाकों में गर्मी ज्यादा पड़ने लगी है। दूसरी ओर तमिलनाडु और तटीय आंध्र में इसी कारण अभी से लू चलने लगी है।
मौस विभाग के अनुसार सोमवार से तापमान फिर बढ़ने लगा है। जम्मू कश्मीर के पास बने वेस्टर्न डिस्टरबेंस, उत्तरी राजस्थान और इससे सटे हरियाणा पर बने एक चक्रवाती क्षेत्र के कारण दिल्ली व आसपास के मौसम में यह बदलाव हुआ था लेकिन अब यह सिस्टम पूर्वी दिशा में आगे बढ़ गया है। मौसम विभाग के अनुसार तीन अप्रैल से तापमान 36 से 38 डिग्री के बीच पहुंच सकता है।
गौरतलब है कि प्रशांत महासागरीय इलाकों में अगर समुद्र का तापमान बढ़ता है तो अल नीनो प्रभाव पैदा होता है। जिससे प्रशांत महासागर में कम दबाव का क्षेत्र बनेगा और अरब सागर में बनने वाले बारिश के बादल प्रशांत महासागर की ओर खिंचे चले जाएंगे। इससे भारत में मॉनसूनी बारिश कम होने के आसार बने हुए है।
मौसम एजेंसी ‘स्काइमेट’ के चीफ महेश पलावत कहते हैं कि इस बार मई-जून में दिल्ली-एनसीआर में तापमान 45 डिग्री से अधिक रहने की आशंका है। प्री-मॉनसून सीजन में बीच-बीच में अच्छी बारिश होगी जो लोगों को लू से आंशिक तौर पर राहत दिलाती रहेगी। मॉनसून दिल्ली में सामान्य से कम रहेगा। इस वजह से उमस भी परेशानियां बढ़ाएगी।
मॉनसून और अल नीनो का सीधा संबंध भारतीय अर्थव्यवस्था से जुड़ा है। अल नीनो कमजोर होने का सबसे पहला असर खेती और पैदावार पर पड़ता है। मॉनसून अच्छा होता है तो गांवों में किसान सहित सभी की आमदनी बढ़ती है। मांग में तेजी आती है। कारोबार में भी फायदा होता है। महंगाई से राहत मिलती है। गौरतलब है कि वर्ष 2015-16 में लू से पूरे देश में 2500 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।