कोरोना वैश्विक महामारी घोषित होते ही मचा हाहाकार!

जान है तो जहान है

  • भारत में सामने आये 73 मामले, कल से अगले 35 दिन के लिए दुनिया से कटा
  • भारत ने भी 15 अप्रैल तक रदद किये सभी वीजा, विदेशियों के आने पर लगाई रोक  
  • डिप्लोमैटिक और एम्प्लॉयमेंट छोड़कर सभी तरह के वीजा सस्पेंड
  • अमेरिका समेत कई देशों ने अपनी सीमायें की सील, उड़ानों पर लगाया प्रतिबंध
  • शेयर बाजार में कोहराम मचने से 2700 अंक डूबा सेंसेक्स, निवेशकों में देखी गई घबराहट
  • एक मिनट में ही स्वाहा हो गये निवेशकों के 6 लाख करोड़, और भी गिरावट की आशंका

मुंबई। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस को अधिकृत तौर पर वैश्विक महामारी घोषित कर दिया है। इससे कई देशों ने अपने इंटरनेशनल बॉर्डर बंद करने शुरू कर दिए हैं और अमेरिकी बाजार छह प्रतिशत तक लुढ़क गया है।
भारत ने कोरोना वायरस मामलों की संख्या 73 पहुंच गई है। मोदी सरकार के आदेश के मुताबिक 13 मार्च को शाम 5.30 बजे (12 जीएमटी) से अगले 35 दिन के लिए दुनिया के किसी भी देश के हर व्यक्ति के वीजा रद्द कर दिए गए हैं। सिर्फ डिप्लोमैटिक और एम्प्लॉयमेंट वीजा को छूट दी गई है। केंद्र सरकार ने साफतौर पर कहा है कि अगर जरूरी न हो तो भारतीयों को विदेशों में जाने से बचना चाहिए। भारत में रह रहे सभी विदेशियों के वीजा वैध बने रहेंगे। केंद्र सरकार के दफ्तरों में 31 मार्च तक बायोमीट्रिक अटेंडेंस पर रोक लगा दी गई है। देश के 30 एयरपोर्ट पर विदेश से आने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग की जा रही है। चीन, इटली, ईरान, दक्षिण कोरिया, फ्रांस, स्पेन और जर्मनी से 15 फरवरी के बाद आने वाले यात्रियों को 14 दिन तक आइसोलेशन में रखा जाएगा।
उधर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने यूरोप पर अगले 30 दिन के लिए ट्रैवल बैन लगा दिया है। यानी यूरोप के देशों से कोई भी यात्री एक महीने तक अमेरिका नहीं जा सकेगा। हालांकि प्रतिबंध से ब्रिटेन को छूट दी गई है। अमेरिका में कोरोना वायरस के अब तक 1200 मामले सामने आ चुके हैं। इस बीच, हॉलीवुड स्टार और ऑस्कर विजेता टॉम हैंक्स और उनकी पत्नी रीटा विल्सन भी वायरस से संक्रमित हो चुके हैं।
देश के नाम दिए संदेश में ट्रम्प ने कहा, ‘यूरोपीय यूनियन (ईयू) कोरोना वायरस से प्रभावित चीन समेत अन्य देशों पर यात्रा संबंधी कोई भी प्रतिबंध लगाने में नाकाम रहा है। हम यूरोप से आने वाली सभी फ्लाइट्स पर 30 दिन का बैन लगा रहे हैं। ब्रिटेन पर यह प्रतिबंध लागू नहीं होगा।’ चीन के बाहर सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में इटली है, जहां वायरस से अब तक 800 लोगों की मौत हो चुकी है।
अमेरिकी शेयर बाजार में जबर्दस्त गिरावट दर्ज की गई है। बेंचमार्क डाउ जोन्स 1400 अंकों से ज्यादा फिसला, जिससे संकेत लेते हुए एशियाई बाजारों में भी गिरावट देखने को मिली। सिंगापुर एक्सचेंज पर निफ्टी फ्यूचर्स करीब चार फीसद से ज्यादा की गिरावट के साथ कारोबार करते दिखाई दे रहे थे। इससे संकेत मिल रहे हैं कि दलाल स्ट्रीट के कारोबार की शुरुआत बड़ी गिरावट के साथ हो सकती है।
टोक्यो बेंचमार्क निक्केई दो प्रतिशत से ज्यादा नीचे, साउथ कोरिया कका कॉस्पी करीब सवा पर्सेंट और ऑस्ट्रेलिया का एएसएक्स शुरुआती ट्रेड में 2.6 प्रतिशत नीचे देखे गए। वहीं अमेरिका के यूरोप यात्रा पर बैन के बाद कच्चे तेल के दाम में और गिरावट दर्ज की गई। ब्रेंट क्रूड $34.76 प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच गया, हालांकि इसमें उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा था। शुरुआती कारोबार में ही निफ्टी ने 10 हजार का लेवल तोड़ दिया और 800 अंकों की गिरावट देखी गयी।
उधर कोरोना को लेकर बढ़ रही घबराहट से दुनिया के साथ भारत के शेयर बाजार में हाहाकार का सिलसिला जारी है। आज गुरुवार को सेंसेक्स 2700 अंकों तक डूब गया। कमोडिटी बाजारों पर भी काफी असर देखने को मिल रहा है। वैश्विक बाजारों से संकेत लेते हुए घरेलू शेयर बाजार बड़ी गिरावट के साथ खुले। सेंसेक्स 1200 अंकों से ज्यादा नीचे खुला और देखते ही देखते गिरावट 2700 अंकों से ज्यादा तक पहुंच गई। गिरावट इतनी तेज थी कि महज एक मिनट में निवेशकों के छह लाख करोड़ रुपये स्वाहा हो गए।
बाजार के जानकार निवेशकों की घबराहट की बड़ी वजह कोरोना वायरस को बता रहे हैं। उनके मुताबिक कोरोना वायरस का प्रकोप दुनियाभर में गहराने और इससे निपटने के लिए उठाए जा रहे एहतियाती कदमों से बाजार में घबराहट का माहौल बना हुआ है। कोरोना का कहर और इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल में गिरावट के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था पर मंदी की आशंका बनी हुई है जिसके चलते बिकवाली का दबाव बना हुआ है। इस साथ ही यएस बैंक के ताजा संकट ने भी बेचैनी बढ़ाई है।

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