मुजफ्फरपुर शेल्टरहोम का मामला
- सीबीआई ने जताई आशंका, एक आरोपी ने श्मशान घाट से बरामद कराई हडि्डयों की पोटली
- निशानदेही पर श्मशान घाट से मिली हडि्डयों की पोटली से शासन-प्रशासन में मचा हड़कंप
- सीबीआई ने ब्रजेश ठाकुर समेत 21 लोगों के खिलाफ दायर किया था आरोप पत्र
मुजफ्फरपुर। यहां शेल्टरहोम मामले में कयासों के साथ एक नया खुलासा हुआ है। सीबीआई ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में इस बात की आशंका जाहिर की है कि मुजफ्फरपुर आश्रय गृह यौन उत्पीड़न मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर और उसके सहयोगियों ने 11 लड़कियों की हत्या कर दी थी। उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि एक श्मशान घाट से हडि्डयों की पोटली बरामद हुई है।
सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में सीबीआई ने कहा कि जांच के दौरान जांच अधिकारियों और राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य एवं न्यूरो विज्ञान संस्थान द्वारा दर्ज पीड़ितों के बयान में उन 11 मासूम लड़कियों के नाम सामने आए हैं, जिनकी आरोपी ब्रजेश ठाकुर तथा उसके सहयोगियों ने हत्या कर दी थी।’ सीबीआई ने हलफनामा दायर करते हुए कहा, ‘गुड्डू पटेल नाम के एक आरोपी से पूछताछ के दौरान खुलासे वाले तथ्यों के आधार पर उसकी आरोपी की निशानदेही पर श्मशान घाट में एक खास स्थान की खुदाई की गई और मौके से हड्डियों की एक पोटली बरामद हुई है।’
इस मामले में प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने शुक्रवार को सुनवाई की। पीठ ने कहा कि वह आवेदन पर सीबीआई को औपचारिक नोटिस जारी करेगी और एजेंसी चार सप्ताह के भीतर इसका जवाब देगी। पीठ ने संक्षिप्त दलीलों के बाद इस मामले में आगे की सुनवाई के लिए छह मई की तारीख तय की है। गौरतलब है कि एजेंसी की ओर से हलफनामा सामाजिक कार्यकर्ता निवेदिता झा की अर्जी के बाद दायर किया गया। निवेदिता का आरोप है कि पीड़ितों के बयान दर्ज करने के बजाय सीबीआई ठाकुर समेत अन्य आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रही है। अधिवक्ता फौजिया शकील के जरिए दाखिल की याचिका में कहा गया है कि सीबीआई की ओर से की जा रही जांच अधूरी होने के साथ ही प्रथमदृष्ट्या बेतुकी भी है। उन्होंने उन बाहरी लोगों पर मुकदमा नहीं दर्ज किया है जो शेल्टर होम में आते थे और पीड़ितों का रेप करते थे।
इन आरोपों पर सीबीआई के हलफनामे में कहा गया, ‘अपराधियों की पहचान के लिए सभी जरूरी कदम उठाए गए हैं। अपराधियों के बारे में पुख्ता जानकारी जुटाने के बाद पूरी जांच प्रक्रिया के साथ ही उनके खिलाफ चार्जशीट दायर की गई। बाहरी लोगों से संबंधित जांच करने के बाद ऐसे लोगों के खिलाफ भी एक चार्जशीट दायर की गई है।’ हालांकि याचिकाकर्ता ने साथ कहा कि न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने पीड़ितों ने जो बयान दर्ज कराए थे उनमें से एक में तोंदवाले अंकलजी का जिक्र किया गया था और दूसरे में मूंछवाले अंकलजी भी बताया गया था। जो शेल्टरहोम में आए दिन आया करते थे लेकिन एजेंसी ने उन्हें तलाशने की जेहमत नहीं उठाई।
याचिकाकर्ता ने कहा, ‘पीड़ितों के बयानों से यह स्पष्ट होता है कि ब्रजश ठाकुर बड़े पैमाने पर सेक्स रैकेट चला रहा था। चार्जशीट के अवलोकन से यह बात भी साफ होती है कि सीबीआई ने असली अपराधियों को बचाने की कोशिश में जानबूझकर पीड़ितों के बयानों से के आधार पर जांच करने के बजाय उसे टाल दिया। यह बात स्पष्ट नहीं है कि पीड़ितों के द्वारा दिए अपराधियों के भौतिक विवरण के आधार पर ही सीबीआई द्वारा स्केच तैयार कराए गए हैं।’