मौत की मदिरा के धंधेबाजों की खैर नहीं: त्रिवेंद्र

——— विधानसभा में मुख्यमंत्री ने किया ऐलान ——–
अवैध शराब का खेल खत्म करने के लिये विधेयक लाएगी सरकार
जिसमें अवैध शराब से जुड़े तस्करों के लिये होगी कड़ी सजा
आईजी रैंक के एक अफसर के नेतृत्व में एक स्पेशल एसआईटी का

गठन कर मामले की गहराई से कराई जाएगी जांच
प्रदेशभर में अवैध शराब
के काले कारोबार को जड़ से मिटाने
करने के लिये कोई कसर बाकी नहीं रखेगी सरकार

देहरादून। जहरीली शराब के पीने से हुई सैकड़ों लोगों की मौत पर विपक्ष के हंगामे के बीच मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवार को विधानसभा सत्र के दौरान घोषणा की कि अवैध शराब के धंधेबाजों को अब बख्शा नहीं जाएगा और आईजी रैंक के एक अफसर के नेतृत्व में एक विशेष एसआईटी का गठन कर मामले की गहराई से जांच कराई जाएगी जिससे मामले की जड़ तक पहुंचा जा सके और जांच को किसी भी स्तर से प्रभावित न किया जा सके। जिससे भविष्य में इस तरह की दुखद घटनों को होने से रोका जा सके।
मुख्यमंत्री ने विपक्ष के शोरशराबे के बीच विधानसभा सदन में कहा कि सरकार शीघ्र ही अवैध शराब के कारोबार पर शिकंजा कसने के लिये एक विधेयक लाने जा रही है। जिसमें अवैध शराब बनाने वालों और इसकी तस्करी करने वालों के लिये कड़ी से कड़ी सजा का प्रावधान होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में अवैध शराब के धंधे को जड़ से खत्म करने के लिये सरकार ने कमर कस ली है। प्रदेश में लोगों को जहरीली शराब से नहीं मरने दिया जाएगा। इसके लिये सरकार संकल्पबद्ध है। इस बीच विपक्ष ने जहरीली शराब से हुई मौतों के लिये पुलिस प्रशासन और आबकारी विभाग को जिम्मेदार ठहराते हुए मुख्यमंत्री और आबकारी मंत्री से इस्तीफे की मांग की।
गौरतलब है कि गत गुरुवार से सोमवार सुबह तक जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या 124 तक पहुंच गई है। इससे प्रदेशभर में हड़कंप मचा हुआ है। हालांकि इस तथ्य का खुलासा हो चुका है कि शराब सहारनपुर के पुंडेन गांव से लाई गई थी, लेकिन पुलिस और आबकारी विभाग की लापरवाही और मिलीभगत के चलते मौत की मदिरा का काला कारोबार बरसों से चल रहा था, लेकिन इस बार हरिद्वार जिले के कई गांवों में जहरीली शराब पीने से हुई मौतों ने पुलिस प्रशासन और आबकारी विभाग के दावों की धज्जियां उड़ाकर रख दीं। वहीं इन मौतों के चलते विपक्ष को सरकार पर वार करने का अवसर भी मिल गया है।

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