- कर्नल कमल तो थामेंगे पर पौड़ी का वादा नहीं
- सियासी दांव—पेच में फंसकर उत्तराखंड की सबसे हॉट सीट बनी गढ़वाल लोकसभा सीट
- कर्नल कोठियाल को विधानसभा चुनाव तक कराया जा सकता है इंतजार
- दो जनरलों की इस सीट पर एडमिरल राणा का नाम चर्चा में
देहरादून। आगामी लोकसभा चुनाव के हिसाब से गढ़वाल लोकसभा सीट सबसे हॉट होने जा रही है। यह सीट भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिये प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है। कांग्रेस ने इस सीट पर भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी के बेटे मनीष खंडूड़ी का नाम चर्चाओं में लाकर भाजपा को परेशानी में डालने का शिगूफा छोड़ा है तो इसके जवाब में भाजपा ने कर्नल अजय कोठियाल से संपर्क कर कांग्रेस के प्रयासों की हवा निकालने की कोशिश की है। इस सीट का नेतृत्व पहले ही दो बड़े जनरल लेफ्टिनेंट जनरल टीपीएस रावत और मेजर जनरल भुवन चंद्र खंडूड़ी कर चुके हैं। ऐसे में रियर एडमिरल ओम प्रकाश राणा के नाम पर भी भाजपा के भीतर काफी जोरों से चर्चा है। राणा हिंदुस्तान की सबसे बड़ी मिसाइल ब्रह्मोस के सुप्रीमो भी रह चुके है, साथ ही साथ उनके नाम ब्रह्मोस एयरोस्पेस में स्पेशल शास्त्र उत्पादन कारखाने को स्थापित करने की उपलब्धि भी रही है।
सूत्रों के अनुसार कर्नल कोठियाल की मंगलवार को भाजपा के चुनाव प्रभारी थावर चंद गहलोत से मुलाकात भी हुई है, लेकिन अभी तक यह तय नहीं हुआ कि कर्नल को गढ़वाल लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा जाएगा या नहीं। भाजपा के सूत्र बताते हैं कि कर्नल कोठियाल को फिलहाल पार्टी ज्वाइन कराने की बात चल रही है, लेकिन साथ में उन्हें यह भी बता दिया गया है कि वह इस सीट के लिये टिकट की जिद न करें। उन्होंने आश्वस्त किया जा रहा है कि यदि वह सब्र रखते हैं तो वर्ष 2022 में उन्हें विधानसभा का टिकट देकर भाजपा सरकार बनने पर उन्हें मंत्री भी बनाया जाएगा।
इस सीट पर भाजपा फिलहाल निवर्तमान सांसद भुवन चंद्र खंडूड़ी के नाम के साथ ही कुछ अन्य दावेदारों के नाम भी पैनल में भेज रही है। इनमें रियर एडमिरल ओमप्रकाश राणा और तीरथ सिंह रावत का नाम भी शामिल है। चर्चा है कि जनरलों की इस सीट पर एडमिरल राणा को पूर्व फौजियों द्वारा हाथोंहाथ लिये जाने की प्रबल संभावनायें दिख रही हैं। ऐेसे में यह भी माना जा रहा है कि भाजपा लंबे समय तक फौज के बड़े अफसरों के कब्जे में रही इस प्रतिष्ठित सीट से एडमिरल राणा को भी उतार सकती है। गौरतलब है कि वर्तमान सांसद जनरल खंडूड़ी खराब स्वास्थ्य के चलते चुनाव लड़ने की स्थिति में नहीं हैं, और वह बहुत सारी बातें भूलते जा रहे है।