- एक बातचीत में पूर्व मुख्यम़ंत्री ने चुनाव लड़ने के लिये लालायित बुजुर्ग नेताओं को दी नसीहत
- कहा, उम्रदराज नेताओं को भेजा जाए राज्यसभा, युवा नेताओं को लोकसभा में मिले वरीयता
देहरादून। भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी ने पत्रकारों से बातचीत में अपने चुनाव लड़ने की चर्चाओं पर विराम लगाते हुए कहा कि उम्रदराज नेताओं खासतौर पर 75 वर्ष पार कर चुके नेताओं को लोकसभा या विधानसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहिये। उन्हें राज्यसभा भेजा जाना चाहिये।
इस वक्तव्य से उन्होंने अपरोक्ष रूप से भाजपा के वरिष्ठतम नेताओं में शुमार लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और जसवंत सिंह को नसीहत देते हुए कहा कि लोकसभा में उम्रदराज नेता बैठे हुए हैं जबकि राज्यसभा में अपेक्षाकृत युवा चेहरे हैं। इस परिपाटी को बदला जाना चाहिये और उम्रदराज नेताओं खासतौर पर 75 वर्ष पार कर चुके नेताओं को युवाओं के चुनाव लड़ने का मौका देना चाहिये और लोकसभा या विधानसभा चुनाव लड़ने की बात मन से निकाल देनी चाहिये। इसके बजाय उनके अनुभव का लाभ उठाने के लिये उन्हें राज्यसभा भेजा जाना चाहिये।
खंडूड़ी ने लोकसभा चुनाव से ऐन पहले उम्र का मुद्दा उठाते हुए जिस प्रकार युवा चेहरों को चुनाव लड़ाने की वकालत की है, उसके कई निहितार्थ दिख रहे हैं। इसके पीछे कहीं न कहीं उनकी मंशा अपने बेटे मनीष खंडूड़ी को भी चुनाव मैदान में उतारने की है। गढ़वाल सीट के वर्तमान सांसद अब खुद चुनाव न लड़कर शायद अपनी विरासत बेटे को सौंपने के लिये आतुर दिख रहे हैं। गौरतलब है कि कांग्रेस में जाने और चुनाव लड़ने के सवाल पर मनीष खंडूड़ी ने कहा है कि वह दो दिन इस मुद्दे पर अपनी बात रखेंगे। हालांकि इन खबरों के बीच असहज हुई भाजपा के उत्तराखंड लोकसभा चुनाव प्रभारी थावर चंद गहलोत ने कहा कि गढ़वाल संसदीय सीट पर जनरल खंडूड़ी की इच्छा को ध्यान में रखकर ही प्रत्याशी का चयन किया जाएगा।