थोक महंगाई से बड़ी राहत, लगातार 10वें महीने गिरा WPI, इन वस्तुओं के दामों में मिली राहत

नई दिल्ली। थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित मुद्रास्फीति यानी थोक महंगाई दर मार्च 2023 में घटकर 29 महीने के निचले स्तर 1.34 प्रतिशत पर आ गई। इससे पिछले महीने फरवरी में यह 3.85 फीसदी थी। सोमवार को सरकार ने इस संबंध में नए आंकड़े जारी किए। थोक मुद्रास्फीति में गिरावट मुख्य रूप से विनिर्मित वस्तुओं और ईंधन के दामों में कमी के चलते हुई है। हालांकि इस दौरान खाद्य वस्तुओं की महंगाई बढ़ी है।

मार्च के थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़े जारी करने के कुछ दिन पहले सांख्यिकी व कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय ने 12 अप्रैल को कहा था कि खुदरा मुद्रास्फीति पिछले महीने घटकर 15 महीने के निचले स्तर 5.66 प्रतिशत पर आ गई। मार्च, 2023 में मुद्रास्फीति की दर में नरमी मुख्य रूप से बुनियादी धातुओं, खाद्य उत्पादों, वस्त्रों, गैर-खाद्य वस्तुओं, खनिजों, रबर, प्लास्टिक उत्पादों, कच्चे पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस और कागज व उससे बने उत्पादों की कीमतों में गिरावट के कारण आई है।

गेहूं और दाल के मामले में मुद्रास्फीति क्रमश: 9.16 प्रतिशत और 3.03 प्रतिशत रही जबकि सब्जियां 2.22 प्रतिशत सस्ती हुईं। तिलहन की महंगाई दर मार्च, 2023 में 15.05 प्रतिशत घटी। ईंधन और बिजली क्षेत्र में महंगाई फरवरी के 14.82 प्रतिशत से कम होकर मार्च, 2023 में 8.96 प्रतिशत रह गई। फैक्ट्री में बने सामान -0.77 प्रतिशत सस्ते हुए जिनकी महंगाई दर पिछले महीने 1.94 प्रतिशत थी। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति भी मार्च में घटाकर 15 महीने के निचले स्तर 5.66 प्रतिशत पर आ गई जो फरवरी में 6.44 प्रतिशत थी। हालांकि, समग्र रूप से सब्जियों की थोक महंगाई दर -21.5 फीसदी से बढ़कर -2.22 फीसदी हो गई है।

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