गंगनहर के किनारे बनेगी सात मी. चौड़ी सड़क

उत्तराखंड को सौगात  

  • गंगनहर पटरी पर लगभग 589 करोड़ की लागत से कांवड़ मार्ग बनाने की तैयारी
  • उत्तराखंड जाने वाले वाहनों को मोदीनगर के अंदर से मेरठ आने की नहीं पड़ेगी जरूरत
  • वाहनों का दबाव कम होने से दिल्ली-देहरादून एनएच-58 पर मिलेगी जाम से राहत
  • हादसों पर लगेगी लगाम, दिल्ली-देहरादून राष्ट्रीय राजमार्ग पर घटेगा वाहनों का दबाव

मेरठ। गंगनहर की दायीं पटरी पर नया कांवड़ मार्ग बनाने केलिए डेढ़ साल पहले की गई सीएम की घोषणा पर अब अमल होता दिख रहा है। पीडब्ल्यूडी अधिकारी एक सप्ताह के भीतर मार्ग का निरीक्षण करके फाइनल रिपोर्ट पीडब्ल्यूडी निर्माण खंड को सौंप देंगे। गंगनहर की दायीं पटरी पर सड़क बनने के बाद गाजियाबाद से मुजफ्फरनगर और उत्तराखंड जाने वाले वाहनों को मोदीनगर के अंदर से मेरठ आने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वाहनों का दबाव कम होने से दिल्ली-मेरठ हाईवे पर जाम से राहत मिलेगी।उत्तर प्रदेश सरकार के प्रमुख सचिव परिवहन राजेश कुमार सिंह ने पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों से कांवड़ पटरी मार्ग पर बातचीत की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांवड़ यात्रा के कारण गंगनगर की दायीं पटरी पर भी सात मीटर चौड़ी सड़क बनाने की घोषणा की थी। पीडब्ल्यूडी ने जुलाई 2018 में ही इसका बजट प्रस्ताव शासन को भेज दिया था। डेढ़ साल के भीतर कांवड़ पटरी मार्ग के प्रस्ताव में कई बार परिवर्तन किया गया। शासन से दायीं पटरी पर सड़क बनाने को हरी झंडी दी गई है।
मुजफ्फरनगर से मेरठ और गाजियाबाद सीमा में गंगनहर की दायीं पटरी पर रजबहा और नहरों पर पुल बनाए जाएंगे। मुजफ्फरनगर के खतौली के निकट रेलवे पुल के लिए भूमि अधिग्रहण भी की जाएगी। जमीन अधिग्रहण के साथ सड़क और पुल निर्माण में 589 करोड़ के खर्च का अनुमान है। पीडब्ल्यूडी पूर्व में ही यह बजट प्रस्ताव ड्राइंग सहित शासन को भेज चुका है। अब शासन ने इसी प्रस्ताव की फाइनल डीपीआर मांग ली है।
गंगनहर की पटरी पर दुर्घटनाएं न हों, डिजाइन में इसका भी ध्यान रखा जाएगा। नहर किनारे सात मीटर पटरी छोड़कर बाकी भूमि पर मार्ग का निर्माण किया जाएगा। पीडब्ल्यूडी ने प्रस्ताव के अनुसार सात मीटर की काली सड़क होगी। सड़क के दोनों साइड में दो से ढाई मीटर पटरी होगी। जिस पर सड़क के रखरखाव के लिए टाइल्स लगाई जाएंगी। कांवड़ मार्ग बनने से पहले पेड़ों का कटान किया जाना है। पीडब्ल्यूडी अधिकारियों का कहना है कि पूर्व में ही वन विभाग को प्रस्ताव दे चुके हैं। शासन की मंशा के अनुरूप वन विभाग को दूसरा पत्र जारी किया जाएगा। कुल मिलाकर 113.020 किमी सड़क निर्माण होगा।
अधिशासी अभियंता निर्माण खंड पीडब्ल्यूडी सीपी सिंह ने बताया कि कांवड़ मार्ग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकता में है। शासन के निर्देश प्राप्त हो चुके हैं। 15 दिन के भीतर शासन को अंतिम डीपीआर भेज दी जाएगी। 2022 से पहले ही कांवड़ मार्ग बनकर तैयार हो जाएगा।

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