देहरादून। प्रदेश में कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए सरकार ने डॉक्टरों की हड़ताल पर रोक लगा दी है। रोक के इस दायरे में मेडिकल छात्र और अन्य कार्मिकों को भी शामिल किया गया है।
सचिव स्वास्थ्य अमित सिंह नेेगी की ओर से जारी आदेश के तहत चिकित्सकों की सभी सेवाओं को अत्यंत जरूरी सेवा घोषित किया गया है। कोविड संक्रमण के कारण स्वास्थ्य सेवाओं पर दबाव है। इसी को देखते हुए हड़ताल पर रोक लगाई गई है।
गौरतलब है कि प्रदेश में पहले से ही डॉक्टरों की कमी है। इस पर कोविड संक्रमण के दौरान वेतन और भत्तों को लेकर सरकार को डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ आदि की नाराजगी का सामना करना पड़ा था। इसी तरह से आयुर्वेद डाक्टरों को सर्जरी की अनुमति मिलने पर आईएमए का रुख भी तल्ख रहा। आईएमए की ओर से 11 दिसंबर को इसके विरोध में ओपीडी बंद करने को कहा गया है। इन मामलों को देखते हुए ही सरकार की ओर से डॉक्टरों की हड़ताल पर रोक लगाने का आदेश जारी किया गया है।
आयुर्वेद के डाक्टरों को सर्जरी का अधिकार कुछ समय पहले ही मोदी सरकार की ओर से दिया गया था। मेडिकल एसोसिएशन की ओर से इसका विरोध किया जा रहा है। इसी के विरोध में आईएमए ने 11 दिसंबर को ओपीडी बंद रखने का ऐलान कर रखा है।