उत्तराखंड: क्षैतिज आरक्षण की मांग को लेकर राज्य आंदोलनकारियों का हल्ला बोल

देहरादून। दस प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का मसला कैबिनेट में ना आने से नाराज उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच ने एकदिवसीय धरना विधानसभा के सामने रखा। उत्तराखंड आंदोलनकारी मंच के बैनर तले राज्य आंदोलनकारियों ने 10% क्षैतिज आरक्षण लागू किए जाने को लेकर विधानसभा के सामने धरना दिया। राज्य आंदोलनकारियों ने सरकार को 1 सप्ताह का समय दिया।

राज्य आंदोलनकारियों ने कहा अगर एक हफ्ते में क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था बहाल नहीं की जाती है तो उसके बाद मुख्यमंत्री आवास पर’घेरा डालो डेरा डालो आंदोलन’ किया जाएगा। इसमें राज्य आंदोलनकारियों की पेंशन समेत अनेक सुविधाओं के लिए आयोग बनाने की मांग, अंकिता भंडारी हत्याकांड की सीबीआई जांच जज की निगरानी में करने, सभी भर्ती घोटाले की सीबीआई जांच की जज की निगरानी में करने, राज्य आंदोलनकारियों का 10% आरक्षण विधेयक जल्दपास करने, महिलाओं का 30% आरक्षण विधेयक जल्द पास करने, मुजफ्फरनगर कांड के दोषियों को सजा देने के लिए ठोस पैरवी करने, क्षेत्रफल के अनुसार परिसीमन करने, भू कानून लागू करने, राजधानी गैरसैण घोषित करने की मांग को लेकर धरना दिया जा रहा है। राज्य आंदोलनकारियों ने कहा यदि उनकी मांगे नहीं मानी जाती है तो आगामी समय में मुख्यमंत्री आवास पर घेरा डालो डेरा डालो आंदोलन करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।

वहीं राज्य आंदोलनकारी विक्रम भंडारी ने कहा उनकी नौ सूत्रीय मांगे लंबित पड़ी हुई हैं, लेकिन उनकी मुख्य मांग 10% क्षैतिज आरक्षण को लेकर है। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद भी आज तक उनकी मांगों का निस्तारण नहीं हो पाया है। विक्रम भंडारी का कहना है कि उनकी मांगों की फाइल शासन प्रशासन में घूम रही है, लेकिन उनकी मांगों की सुध लेने वाला कोई नहीं है। उन्होंने कहा कई युवा साथी और मातृशक्ति अभी भी चिन्हिकरण से वंचित हैं।

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