देहरादून। उत्तराखंड में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक विजेताओं को नकद पुरस्कार व सरकारी सेवाओं में सेवायोजित करने साथ ही प्रदेश के युवाओं को खेलों में जनभागीदारी को बढ़ाने के लिए खेल नीति लागू कर दी गई है। नई खेल नीति को कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद मंगलवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है। खेल नीति में युवा खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष फोकस किया गया है। नई खेल नीति में विशेष ध्यान आरंभिक उम्र के खिलाड़ियों को बढ़ावा देने पर दिया गया है। छोटी उम्र के उभरते खिलाड़ियों के लिए भी सरकार की ओर से खजाना खोला गया है। मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना के तहत आठ से 14 साल तक के खिलाड़ियों को शारीरिक टेस्ट और दक्षता के आधार पर हर महीने 1500 रुपये प्रोत्साहन राशि देगी। इसके अलावा इस नीति में सीनियर खिलाड़ियों को उच्च स्तरीय प्रतियोगिताओं में पदक जीतने पर सरकारी नौकरी दी जाएगी। इससे प्रदेश से खिलाड़ियों के हो रहे पलायन पर रोक लगेगी।
प्रदेश की नई खेल नीति के मुताबिक, ओलंपिक खेल में स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदक विजेता खिलाड़ी को समूह ख पद (ग्रेड पे-5400) पर नियुक्ति दी जाएगी। जबकि ओलंपिक खेल में प्रतिभाग, विश्व चैंपियनशिप, विश्वकप, एशियन खेल एवं राष्ट्रमंडल खेल के पदक विजेता खिलाड़ी को ग्रेड पे-4600 एवं 4800 के सीधी भर्ती के पदों पर नियुक्ति दी जाएगी। जिन पदक विजेता खिलाड़ियों को विभिन्न विभागों में नियुक्ति दी जाएगी, उन्हें अगले पांच साल तक संबंधित खेल के उच्च लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए खेल का माहौल उपलब्ध कराया जाएगा। इसके अलावा प्राथमिकता वाले खेलों के विकास के लिए सेंटर फॉर एक्सिलेंस बनाए जाएंगे।
प्रदेश के 14 से 23 साल तक के मेधावी खिलाड़ियों को खेल संबंधी जरूरतों के लिए छात्रवृत्ति दी जाएगी। हर साल 2,600 खिलाड़ियों को दो हजार रुपये की छात्रवृत्ति दी जाएगी। प्रदेश में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को परिवहन निगम की बसों में निशुल्क यात्रा की सुविधा दी जाएगी। प्रदेश के खिलाड़ियों को शैक्षणिक, तकनीकी संस्थानों एवं विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए पांच फीसदी खेल कोटा दिया जाएगा। प्रदेश में मुख्यमंत्री खेल विकास निधि की भी स्थापना की जाएगी।

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