हाल ए उत्तराखंड : फर्जी दस्तावेज पर कितने गुरुजी कर रहे ऐश!

जिम्मेदार कौन?

  • एसआईटी जांच में फर्जी मिली शिक्षक की डिग्री
  • फर्जी डिग्री से 12 साल तक बच्चों को बांटते रहे ज्ञान
  • जांच के उपरांत 13 साल बाद किये गये बर्खास्त

पौड़ी। एसआईटी और शिक्षा विभाग की जांच में बीएड की डिग्री फर्जी पाए जाने के बाद देहरादून के राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कामला, कालसी ब्लॉक में तैनात सहायक अध्यापक की सेवा समाप्त कर दी गई है। अब जाकर अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा गढ़वाल मंडल ने ये आदेश जारी किया है। जबकि शिक्षक को बीते साल नवंबर माह में सस्पेंड कर दिया गया था।
सवाल यह है कि जब शिक्षा विभाग के पास सफेद हाथियों की पूरी फौज भरी पड़ी है तो नियुक्ति के समय दस्तावेज की सत्यता की जांच करने वाला पूरा अमला क्या करता रहता है। अब भी यही हुआ जिस शिक्षक ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर 13 साल विभाग में नौकरी की, उसे बर्खास्त कर मामला निपटा दिया गया, लेकिन जिन अफसरों की लापरवाही से वह शिक्षक बना, उनके बारे में चर्चा तक नहीं हुईंं। इससे पूरा महकमा सवालों के दायरे में आ जाता है। इसका खुलासा भी तब हुआ जब किसी ने उसकी शिकायत की, नहीं तो वह विभाग से रिटायर भी हो जाता और किसी को कानोंकान खबर भी न होती।
अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा गढ़वाल मंडल एमएस बिष्ट द्वारा जारी बर्खास्तगी आदेश के मुताबिक शिक्षक खिलेश लाल निवासी अगस्त्यमुनि ब्लॉक रुद्रप्रयाग ने 2006 में रुद्रप्रयाग जिले के प्राइमरी स्कूल जखवाड़ी से बतौर सहायक अध्यापक अपनी सेवा शुरू की। इसके बाद मार्च 2008 में एलटी संवर्ग में उसका नाम आया था। किसी ने शिक्षक के फर्जी बीएड की डिग्री होने की शिकायत की थी।
शिकायत के बाद शिक्षक खिलेश लाल के प्रमाण पत्रों की एसआईटी ने 2020 अगस्त माह में जांच शुरू की। एसआईटी ने मुख्य शिक्षा अधिकारी देहरादून से शिक्षक के सभी प्रमाण पत्र मांगे। एसआईटी ने शिक्षक की बीएड की डिग्री चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ की होने के चलते उसे जांच के लिए भेजा। जांच के दौरान शिक्षक की डिग्री का रोल नंबर विवि के रिकॉर्ड में नहीं मिला। जिससे साफ हो गया कि शिक्षक की बीएड की डिग्री फर्जी है। इस पर एसआईटी ने महानिदेशक शिक्षा को दिसंबर 2020 को पत्र लिखा।
अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा गढ़वाल मंडल ने 25 जनवरी 2021 को इस प्रकरण की विभागीय जांच के निर्देश दिए। फरवरी 2021 में इस मामले में एलटी शिक्षक के विरुद्ध थाना कालसी विकासनगर में एफआईआर दर्ज करवाई गई। साथ ही विभाग ने शिक्षक को अपना पक्ष रखने का मौका भी दिया, लेकिन शिक्षक अपनी बीएड की डिग्री को लेकर कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर सका। दोनों ही जांच में बीएड डिग्री के फर्जी मिलने के बाद अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा गढ़वाल मंडल ने नवंबर 2021 को एलटी शिक्षक को निलंबित कर दिया। इसके तहत ही अब अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा गढ़वाल मंडल एसएस बिष्ट ने एलटी शिक्षक खिलेश लाल की सेवाएं समाप्त कर दी हैं। यहां यह सवाल अपनी जगह है कि तैनाती के समय जब दस्तावेज का सत्यापन किया जाता है तो उसी समय जिम्मेदार अफसर क्या कर रहे थे?

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here