उत्तराखंड : लेफ्टिनेंट संजय पर साथी ने ही दागी थीं 20 गोलियां!

पिथौरागढ़। बीते शनिवार को असम के तिनसुकिया जिले में फौजी ने अपने सहकर्मी पर फायरिंग कर उसकी हत्या कर दी। दुर्भाग्य से जिस जवान की हत्या हुई, वो उत्तराखंड के रहने वाले लेफ्टिनेंट संजय चंद है। संजय अपने ही साथी के हाथों मारे गए, लेकिन उत्तराखंड में लोग अब भी उनकी मौत के सच से अनजान हैं। नेता उन्हें उग्रवादी हमले में शहीद बताकर श्रद्धांजलि दे रहे हैं।
गौरतलब है कि पिथौरागढ़ जिले के मूल निवासी लेफ्टिनेंट संजय इन दिनों असम में तैनात थे। बीते शनिवार को आरोपी लांसनायक राजेंद्र प्रसाद और उनके बीच किसी बात पर बहस हो गई, बहस इतनी बढ़ी कि लांसनायक राजेंद्र प्रसाद ने अपनी इंसास असॉल्ट राइफल की मैगजीन में मौजूद सभी गोलियां संजय चंद के शरीर में उतार दीं। जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। इस बीच खबर आई कि संजय की मौत उग्रवादियों की गोली से हुई। उनके गांव में भी लोग पूरे मामले से अनजान थे।
उधर सेना के वरिष्ठ अधिकारियों की सूचना पर आरोपी राजेंद्र प्रसाद को हिरासत में लिया गया है। पुलिस ने घटनास्थल से असॉल्ट राइफल और 20 राउंड कारतूस जब्त किए हैं। पिथौरागढ़ के बड़ावे क्षेत्र के तोली गांव निवासी संजय चंद (34 वर्ष) कुमाऊं रेजीमेंट में तैनात थे। उनके दो छोटे बच्चे हैं। संजय मई में छुट्टी पर घर आए थे। परिजनों ने बताया कि मिलनसार संजय का लोगों के साथ अच्छा व्यवहार था। वो साल 2008 में सेना का हिस्सा बने थे। जबसे उनके निधन की खबर घर पहुंची है, वहां कोहराम मचा है। 

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