सीएम धामी ने दिखाई सख्ती, दो दिन में ही छिन ली गई मृत्युंजय से ओएसडी आयुर्वेद की कुर्सी

देहरादून। विवादों में रहे और जेल गए मृत्युंजय मिश्र को शासन से एक आदेशों के बाद आयुर्वेद एवं यूनानी निदेशालय में ओएसडी बनाए गए थे। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को जैसे ही पूरे प्रकरण की जानकारी मिली उन्होंने तत्काल कड़ी नाराजगी जताते करते हुए मृत्युंजय मिश्र को उस पद से बिना देर किए हटाने के आदेश किए। मुख्यमंत्री के तेवर देख शासन में बैठे अफसरों में भी खलबली मच गईं। विवादित मृत्युंजय मिश्र को सचिवालय स्थित विभागीय दफ्तर से अटैच कर दिया गया है। अपने इस रवैए से सीएम ने साफ कर दिया है कि कोई गलत बात बर्दाश्त नही की जायेगी।

लंबे समय से विवादों में घिरे रहे आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. मृत्युंजय मिश्रा वर्तमान में सचिव आयुष कार्यालय में संबद्ध थे। 2018 में उन्हें भ्रष्टाचार के आरोप में विजिलेंस ने गिरफ्तार किया था। कई महीनों तक जेल में रहे। उन पर आरोप थे कि आयुर्वेद विश्वविद्यालय में कुलसचिव पद पर रहते हुए वित्तीय अनियमितता की। 28 दिसंबर 2021 को शासन ने मृत्युंजय कुमार को आयुर्वेद कुलसचिव पद पर बहाल करने के आदेश जारी किए थे, लेकिन एक माह बाद जनवरी 2022 को उन्हें विश्वविद्यालय से हटा कर आयुष सचिव कार्यालय में संबद्ध किया गया था।

वहीं मिश्रा आयुर्वेद में osd बनाए जाने के बाद कांग्रेस का कहना है कि मृत्युंजय मिश्रा के अन्य विभाग में अटैचमेंट को लेकर भी सवालिया निशान खड़े हो गए हैं। शिक्षा विभाग में अटैचमेंट खत्म होने के आदेश के बावजूद भी मृत्युंजय का मूल उच्च शिक्षा विभाग में जॉइन नहीं करने पर भी सिस्टम कठघरे में खड़ा है।

आयुष विभाग के इस फैसले को लेकर कांग्रेस ने जीरो टॉलरेन्स पर भी कड़े प्रहार किए है। कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता मथुरा दत्त जोशी ने कहा कि भ्र्ष्टाचार में लिप्त व ढाई साल जेल में रह चुके मृत्युंजय को आयुर्वेद विवि का ओएसडी बना देने से नौकरशाहों की मंशा का साफ पता चल रहा है। जोशी ने कहा कि सरकार के अधिकारियों ने भृष्ट लोगों के साथ समझौता कर लिया है।

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