उत्तराखंड: कांग्रेस को थी जिनसे चुनाव में आस, वही नेता बन गए सियासी विरोधियों के खास…

देहरादून। लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है। उत्तराखंड में 19 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के लिए वोटिंग होनी हैं। लोकसभा चुनाव के लिए वोटिंग से पहले कांग्रेस को झटके पर झटके लग रहे हैं। कांग्रेस के दिग्गज लगातार हाथ का साथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम रहे हैं। लोकसभा चुनाव की इस अग्नि परीक्षा से पहले कांग्रेस से नेताओं का यूं छोड़कर जाना चिंता का विषय है।

कहते हैं कि राजनीति में कोई किसी का सगा नहीं होता। हर चुनावी दंगल में ऐसे नजारे देखने को मिल जाते हैं। उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव से पहले इस तरह का नजारा देखने को मिला। चुनाव में कांग्रेस को जिस नेता से आस थी। वही सियासी विरोधियों के खास बन गए।

बता दें लोकसभा चुनाव की इस अग्नि परीक्षा में कांग्रेस के कई नेता पार्टी का साथ छोड़ गए। चुनावी जंग में उतरे प्रत्याशियों को भी इनकी कमी खल रही है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि पार्टी छोड़ने वाले साथ होते तो कांग्रेस प्रत्याशियों को चुनाव में प्रतिद्वंद्वियों से मुकाबला करने में सहयोग मिलता। लोकसभा चुनाव का एलान होने के बाद कांग्रेस को एक के बाद एक नेताओं के पार्टी छोड़ने से कई झटके लगे। बदरीनाथ विधानसभा सीट से विधायक रहे राजेंद्र भंडारी, पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण, धन सिंह नेगी, मनीष खंडूड़ी, महेश शर्मा, अशोक वर्मा, पीके अग्रवाल, लक्ष्मी अग्रवाल समेत कई नेता पार्टी छोड़ कर भाजपा में शामिल हो गए।

गढ़वाल सीट से कांग्रेस प्रत्याशी गणेश गोदियाल को चुनाव में राजेंद्र भंडारी से काफी उम्मीदें थीं। गोदियाल ने यहां तक कहा था कि भंडारी ने चुनाव लड़ने के लिए मुझे आगे किया। जब पार्टी ने टिकट दिया तो साथ छोड़कर चले गए। भंडारी का पार्टी छोड़ना हमारे लिए नुकसान है। लेकिन राजनीतिक में एक व्यक्ति जाता है तो दूसरा आता है। किसी व्यक्ति का स्थान खाली नहीं रहता है।

कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा का कहना है कि भाजपा के दबाव की राजनीतिक के चलते कांग्रेस के कई नेता पार्टी छोड़ कर गए हैं। लेकिन उनके जाने से कांग्रेस को कोई नुकसान नहीं होगा। पार्टी छोड़ कर वे लोग गए जिनके कामों की जांच चल रही और उनके कार्रवाई में फंसने की नौबत है या सत्ता दल के बड़े नेताओं के पार्टनर हैं।पार्टी का कार्यकर्ता एक सिपाही की तरह कांग्रेस के साथ खड़ा है। आने वाले समय में हम इस बात का खुलासा करेंगे कि दल-बदल करने वाले किस नेता पर कितना दंड आरोपित किया गया था और वह दंड वसूला गया है या नहीं।

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