उत्तराखंड: बहुचर्चित बनबसा डबल मर्डर केस में 10 साल बाद आया फैसला, दोनों आरोपियों को उम्रकैद

चंपावत। बनबसा के करीब साढ़े नौ साल पूर्व हुए डबल मर्डर केस के दोनों आरोपियों को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। अदालत ने 30 मार्च को दोनों को दोषी ठहराया था। जिला जज कहकशा खान ने दोनों दोषियों बनबसा के धस्मान अस्पताल के प्रबंध निदेशक आशीष धस्माना और उसके ड्राइवर इदरीश अहमद को सश्रम आजीवन कारावास सुनाया है।

बता दें कि यह मामला सितंबर 2014 में खूब चर्चित हुआ था। चर्चा इसलिए क्योंकि हत्यारों ने बेरहमी और योजनाबद्ध ढंग से ऐसी जान ली जिसे सुनकर हर किसी की रूह कांप गई थी। इंदिरा नगर इज्जतनगर बरेली निवासी निशा और न्यू सिद्धार्थनगर प्रेमनगर बरेली निवासी विजय बनबसा के धस्माना में साथ काम करते थे। उन्हें कभी आभास नहीं था कि जिस अस्पताल में वह सेवा दे रहे हैं वहां का संचालक इतना क्रूर हो जाएगा कि उन्हें जान तक गंवानी पड़ेगी।

जब धस्माना पकड़ा गया तो उसने अस्पताल की बदनामी के पीछे एक डॉक्टर, निशा और विजयपाल को जिम्मेदार ठहराया था। वह डॉक्टर को अपने अस्पताल चौपट होने का कारण मानता था। इदरीस ने अपने पैंटल फार्म हाउस में दोनों की हत्या की फिर शवों को बनबसा से करीब 33 किमी दूर नानकसागर डैम के किनारे फेंका था। दोनों कर्मियों के सिर और हाथ-पांव कटी लाश नानकमत्ता के नानकसागर से बरामद हुई थी। आरोप पत्र दाखिल करने के बाद दोनों पक्षों की सुनवाई और गवाहों के बयान के बाद अदालत ने आरोपियों को दोषी करार दिया।

जिला शासकीय अधिवक्ता विद्याधर जोशी ने बताया कि अदालत ने आशीष धस्माना को आईपीसी की धारा 302 व 34 के तहत सश्रम आजीवन कारावास और छह लाख रुपये का अर्थदंड और आईपीसी की धारा 201 व 120 बी में सात साल की सजा तथा एक लाख रुपये जुर्माना लगाया गया है। जबकि ड्राइवर इदरीश अहमद को आईपीसी की धारा 302 व 34 के तहत सश्रम आजीवन कारावास और 1.50 लाख रुपये और आईपीसी की धारा 201 व 120 बी में सात साल की सजा व 25 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया है। दोनों कसूरवार पहले से ही अल्मोड़ा जेल में बंद हैं।

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