उत्तराखंड : ग्रेड पे मामले में परिजनों का मुखर होना तीन पुलिसकर्मियों को पड़ा भारी, तीनों सस्पेंड

देहरादून। उत्तराखंड पुलिस में पुलिस ग्रेड मामले में परिजनों के मुखर होने के बाद विभाग ने तीन पुलिसकर्मियों को कर्मचारी आचरण नियमावली तोड़ने का आरोप लगाते हुए सस्पेंड कर दिया। इन पुलिसकर्मियों में एक पुलिसकर्मी चमोली जिले से हैं। दूसरा पुलिसकर्मी उत्तरकाशी जिले से है और तीसरे पुलिसकर्मी की पहचान देहरादून में ही पुलिस मुख्यालय में तैनात के रूप में हुई है। इन तमाम पुलिसकर्मियों के परिवार के लोग कल हुई प्रेस कांफ्रेंस में शामिल हुए थे। तीनों के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है। वहीं परिजनों ने इस कार्रवाई को तानाशाही बताते हुए आंदोलन जारी रखने की बात कही है।

डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि तीन सिपाहियों को निलंबित किया गया है। उनके परिजनों का एक प्रतिनिधि मंडल मिलने भी आया था, उन्हें भी समझाया गया कि वह अपनी मांग उपयुक्त तरीके से रखें। कर्मचारी आचरण नियमावली का उल्लंघन या अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

दरअसलए मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद भी 2001 बैच के सिपाहियों को 4,600 ग्रेड पे नहीं मिला है। इसको लेकर कई चरणों में पुलिसकर्मियों के परिजनों ने अफसरों और सरकार के नुमाइंदों से वार्ता की थी। लेकिन इन वार्ताओं का कोई हल नहीं निकला। इसके बाद कुछ पुलिसकर्मियों के परिजन प्रेस क्लब के पास पत्रकार वार्ता की। उन्होंने सरकार पर वादा खिलाफी का इल्जाम लगाया और आंदोलन की चेतावनी दी थी। इसके बाद से पुलिस विभाग में खलबली मच गई।

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