प्रवासियों के लिए सरकार ने खेती में तलाशी संभावनाएं

  • मंत्रालय में तैयार हो रहा है ब्लू प्रिंट, कैबिनेट में लगेगी मुहर
  • सब्जी, फल और कोदा-झंगोरा पर टिकी उम्मीदें 

देहरादून। त्रिवेंद्र सरकार ने प्रवासियों की आर्थिकी को मजबूत करने के लिए कृषि क्षेत्र को चुुना है। कृषि उत्पादन बढ़ाने के साथ अच्छा बाजार देने के लिए कृषि मंत्रालय में ब्लू प्रिंट तैयार हो रहा है। जिस पर मंत्रिमंडल की मुहर लगायी जाएगी। पैकेज अक्टूबर से शुरू किया जाएगा।  
सरकार कृषि क्षेत्र में शार्ट, मीडियम व लांग टर्म योजनाओं के हिसाब से कार्ययोजना बन रही है। पहला प्लान अक्टूबर से शुरू होगा। इसके लिए सब्जी उत्पादन मुख्य केंद्र होगा। उन्नत किस्म के बीज के साथ ही बायो फर्टीलाइजर उपलब्ध कराया जाएगा। माना जा रहा है कि शार्ट टर्म योजना में सब्जी उत्पादन कारगर साबित होगा। इसके बाद योजना का दूसरे चरण में फलोत्पादन व फलों के अच्छे दाम दिलाने है। सेब व दूसरे फलों का उत्पादन और फलों से किसानों को अच्छी आय देने के लिए उन्हें बेमौसम में बाजार उपलब्ध कराया जाएगा। सेब के साथ कुमाऊं में होने वाले आड़ू, खुबानी, पोलम, नाशपाती व एप्रीकोट जैसे फलों को भी कोल्ड स्टोरेज के जरिये कुछ समय रोक कर अच्छे दाम दिलाए जाएंगे। सचिव कृषि आर. मीनाक्षी सुंदरम ने बताया है कि प्रवासियों के लिए स्टेट मिलेट मिशन को भी मजबूत करने की कोशिश हो रही है। मडुआ व झंगोरा जैसे परंपरागत फसलों से अच्छी आय मिल सकती है। इन फसलों को खरीद कर उन्हें बेहतर मार्केट दिलाया जाएगा ताकि बाहर से आये प्रवासी अपने घर में रहकर अच्छी आय प्राप्त कर सकें।

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