दुबई में सीएम धामी ने 5,450 करोड़ के निवेश का किया MoU साइन…

देहरादून। उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 के तहत दुबई में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रोड शो में हिस्सा लिया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री धामी ने विभिन्न उद्योग समूहों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। मुख्यमंत्री की उपस्थिति में दुबई में विभिन्न उद्योग समूहों के साथ 5,450 करोड़ के इनवेस्टमेंट एमओयू साइन किए गए। जबकि कई अन्य उद्योग समूहों के साथ बैठक जारी है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी उद्योग घरानों को आगामी आठ एवं नौ दिसम्बर माह में देहरादून में आयोजित होने वाले समिट हेतु निमंत्रण भी दिया।उत्तराखंड सरकार और विभिन्न उद्योग समूहों के बीच इन्वेस्टमेंट एमओयू साइन किए गए। जिनमें पर्यटन, रियल एस्टेट, शिक्षा, इन्फ्रा से जुड़े उद्योग समूहों के साथ 5450 करोड़ के निवेश पर करार किया गया।

दुबई में अब तक सर बायोटेक एवं हयात इंडिया के साथ 2 हजार करोड़, कार्मिला न्यूट्रिशन टेक्नोलॉजी ग्रुप के साथ फार्मा प्रोडक्शन हेतु 950 करोड़, जीटीसी ग्रुप के साथ 800 करोड़, फ्लो कॉग्लोमेरेट समूह के साथ रियल एस्टेट, इन्फ्रा एवं पर्यटन के क्षेत्र में निवेश हेतु 500 करोड़ का एमओयू, एस्सेल ग्रुप के साथ मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर हेतु 700 करोड़, सर्फ लॉजिस्टिक के साथ 500 करोड़ के निवेश एमओयू करार किए जा चुके हैं। प्रदेश सरकार की ओर से सचिव उद्योग विनय शंकर पांडेय ने एमओयू साइन किए गए।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में उत्तराखंड में निवेश अनुकूल सिस्टम विकसित किया गया है। राज्य में इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में बहुत काम हुआ है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच द्विपक्षीय संबंध पहले से और अधिक मजबूत हुए हैं। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार लगभग 20 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात में काफी संख्या में प्रवासी भारतीय कार्यरत है।

कैबिनेट मंत्री डा. धन सिंह रावत ने अपने सम्बोधन में कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश को निवेश के लिये एक सर्वाधिक उपयुक्त डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने की दिशा में लगातार सक्रियता के साथ प्रयास किया जा रहा है। इसी कड़ी में उत्तराखण्ड राज्य अपनी असीम सम्भावनाओं के साथ आपके मध्य उपस्थित हुए हैं। ईज आफ डूईंग बिजनेस की दिशा में राज्य सरकार सतत् प्रयत्नशील है। उत्तराखण्ड एचीवर्स श्रेणी में है। श्रम कानूनों में सुधार की दिशा में राज्य ने विशिष्ट पहल की है। इसी प्रकार निवेशकों को भूमि उपलब्ध कराने की दिशा में भी लगातार सुधार एवं सरलीकरण किया गया है।

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