देहरादून। प्रदेश में दल-बदल की अटकलों के बीच पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा की देहरादून में एंट्री ने सियासत तेज कर दी। दिलचस्प बात यह है कि प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद से लगभग ‘खुड्डे लाइन’ कर दिये गये बहुगुणा दिल्ली से अचानक देहरादून पहुंचे और उन्होंने कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत और सुबोध उनियाल समेत उन सभी नौ लोगों से बात की जो कांग्रेस से बगावत कर भाजपा में शामिल हुए थे।
गौरतलब है कि पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और उनके विधायक बेटे की कांग्रेस में वापसी के बाद भाजपा में दल-बदल की चर्चाएं थम नहीं रही हैं। अब हरक सिंह रावत और भाजपा विधायक उमेश शर्मा काऊ के कांग्रेस में वापसी की अटकलें तैर रही हैं। इन तमाम कयासबाजियों से भाजपा प्रदेश संगठन खासा असहज है। सूत्रों के मुताबिक पार्टी केंद्रीय नेतृत्व ने इन अटकलों पर पूर्ण विराम लगाने के लिए बहुगुणा को मैदान में उतारा है। लंबे समय से तकरीबन उपेक्षित रहे बहुगुणा ने अपने साथियों से मुलाकात करने से पहले भाजपा प्रदेश कार्यालय का रुख किया। वहां उन्होंने प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय कुमार से मुलाकात की।
प्रदेश में ताजा राजनीतिक घटनाक्रम और चर्चाओं को लेकर दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई। इसके बाद बहुगुणा हरक के घर पहुंचे। वहां सुबोध उनियाल भी वहां पहुंचे। बहुगुणा ने कांग्रेस से बगावत कर भाजपा में शामिल हुए सभी विधायकों व नेताओं से बारी-बारी बात की। सूत्रों के मुताबिक बहुगुणा ने सभी से धैर्यपूर्वक और उत्साह के साथ चुनावी तैयारी में जुटने का आह्वान किया। बकौल बहुगुणा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह देहरादून आ रहे हैं। मैंने उनके दौरे को लेकर संगठन महामंत्री से चर्चा की।
मीडिया से बातचीत में बहुगुणा ने दावा किया कि कुछ गलत भ्रांतियां फैली हैं। न तो कोई नाराज है और न ही कोई कहीं जा रहा है। पार्टी छोड़ने को लेकर जो चर्चाएं हो रही हैं, वो बेसिर-पैर की कहानी है। उसमें कोई सच्चाई नहीं है। उन्होंने कहा कि हमने कांग्रेस से विभाजन सिद्धांतों के आधार पर किया था। आज हम सभी साथ हैं और पूरी तरह से समर्पित हैं।
बहुगुणा ने कहा कि पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और उनके बेटे के भाजपा छोड़ने के बाद दल-बदल की चर्चाओं ने जोर पकड़ा है। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस में विभाजन करने वाले हम नौ विधायक थे और यशपाल आर्य हमारे साथ नहीं थे। मैं चाहता हूं कि हमारे साथी ज्यादा उत्साहित होकर संगठन और मुख्यमंत्री का साथ देकर चुनाव में विजय प्राप्त करें।