स्वरोजगार के साथ दूसरों को भी दें रोजगार : त्रिवेंद्र

  • इंजीनियर्स डे पर सीपेट डोईवाला में कौशल विकास कार्यक्रम का किया उद्घाटन
  • सीपेट से प्रशिक्षण लेने वाले शत प्रतिशत छात्रों को मिल रहा है रोजगार
  • सीपेट ने गुणवत्ता के दम पर देश के टॉप टेन संस्थानों में बनाया अपना स्थान
  • उत्तराखंड में पहली सरकारी एनएबीएल प्रमाणित लैब बनी सीपेट

डोईवाला देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आज बुधवार को इंजीनियर्स डे पर डोईवाला स्थित सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ़ पेट्रोकेमिकल इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (सीपेट) में उत्तराखंड स्किल डेवलपमेंट मिशन द्वारा प्रायोजित गैर-आवासीय कार्यक्रम का उद्घाटन किया।
इस मौके पर त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि सीपेट ऐसा संस्थान है जहां से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद युवाओं को शत प्रतिशत रोजगार मिल रहा है। उन्होंने छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि वे स्वरोजगार को अपनाएं और संस्थान से कौशल विकास का प्रशिक्षण लेकर अन्य को भी रोजगार देने का कार्य करें।

त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भारत के महान अभियंता एम. विश्वेश्वरैया की जयंती पर उन्हें याद करते हुए आधुनिक भारत के निर्माण में उनके अभूतपूर्व योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में सीपेट संस्थान के खुलने से युवाओं के लिए पेट्रोकेमिकल से संबंधित उद्योगों में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। कौशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से छात्र- छात्राओं को निशुल्क प्रशिक्षण सुविधाओं का लाभ भी मिल सकेगा।
उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. अनंत कुमार को याद करते हुए कहा कि उनके एक अनुरोध पर उन्होंने डोईवाला में इस संस्थान सीपेट की स्थापना करने में देरी नहीं की। आज यह संस्थान अपनी मेहनत से देश के टॉप 10 संस्थानों में शामिल हुआ है। इस उपलब्धि के लिए उन्होंने संस्थान की पूरी टीम को बधाई दी। इस संस्थान से कोर्स पूरा करने के बाद युवाओं को शत प्रतिशत रोजगार मिल रहा है। उन्होंने युवाओं को रोजगार के साथ ही स्वरोजगार की दिशा में औद्योगिक इकाइयां लगाने के लिए प्रेरित कर आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में सहयोग का आह्वान किया। इससे वह अपनी स्किल डेवलपमेंट का उपयोग स्वरोजगार व रोजगार सृजन में कर सकेंगे और राज्य के लिए यह बड़ा योगदान होगा।  

इसके बाद त्रिवेंद्र ने छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षण सामग्री एवं यूनिफार्म का वितरण किया। उन्होंने छात्रों को संस्थान में मिल रही प्रायोगिक शिक्षा का अवलोकन करते हुए सभी संबंधित विभागों जैसे NABL प्रमाणित प्लास्टिक परीक्षण प्रयोगशाला, प्लास्टिक प्रोसेसिंग वर्कशॉप, टूल रूम, कैड-कैम जैसे विभागों का भ्रमण भी किया। इसके बाद संस्थान में पौधरोपण भी किया।
केंद्र प्रमुख अभिषेक राजवंश ने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का स्वागत किया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ की गयी। राजवंश ने संस्थान में संचालित किये जाने वाले कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए बताया केन्द्रीय पेट्रोकेमिकल्स इंजीनियरिंग एवं तकनीकी संस्थान (सीपेट) रसायन और पेट्रो रसायन विभाग, केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्रालय के अंतर्गत एक प्रमुख राष्ट्रीय संस्थान है जो पूरी तरह से कौशल विकास, तकनीकी सहायता, शैक्षणिक और रिसर्च (STAR) के लिए समर्पित है ।

सीपेट देहरादून को ISO/IEC: 17025 के अनुसार विभिन्न प्लास्टिक उत्पादों और मेटेरियल के परीक्षण हेतु NABL मान्यता प्राप्त हुई है, जिससे वह इस क्षेत्र में उद्योगों के साथ ही विभिन्न सरकारी विभागों को उनके परीक्षण और गुणवत्ता नियंत्रण आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु सहायता प्रदान कर सकता है। सीपेट उत्तराखंड में प्रथम सरकारी NABL लैब बन गयी है। सीपेट की परीक्षण सेवाओं का उपयोग डेयरी विकास, पेयजल, सिंचाई, लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी, शहरी विकास, नगर निगम, पीडब्ल्यूडी, कृषि, बागवानी, नागरिक आपूर्ति आदि विभागों द्वारा किया जा सकता है जो पॉली फिल्म्स, UPVC/ HDPE पाइप और फिटिंग, खाद्य ग्रेड पैकेजिंग के लिए बोरी, बैग आदि प्लास्टिक उत्पादों का प्रयोग करते हैं।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में सिपेट संस्थान में तीन वर्षीय डिप्लोमा कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं। जिसमें वर्तमान में 456 छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रहे है। कौशल विकास कार्यक्रमों में 128 छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। शीघ्र ही 100 विद्यार्थियों हेतु पेट्रोनेट LNG, CSR द्वारा प्रायोजित कौशल कार्यक्रम शुरू किये जायेंगे। राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन द्वारा भी कौशल कार्यक्रमों हेतु स्वीकृति भी शीघ्र प्राप्त हो जाएगी। कार्यक्रम में बीके सिंह, आरके पाण्डेय, साईराज आदित्य कुमार वर्मा, पंकज फुलारा, पार्थ  सारथी दास, समीर पुरी, बलवीर शर्मा, राजेश यादव, रत्नेश आदि उपस्थित रहे।

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