देहरादून : नए कप्तान का ऐलान, “प्रेशर फ्री” फॉर्म में रहेगी पुलिस

  • एसएसपी जन्मेजय प्रभाकर कैलाश खंडूडी बोले, उनका ध्यान केवल अराजक तत्वों के मन में डर पैदा करने पर

देहरादून। यहां तैनात हुए नये कप्तान जन्मेजय प्रभाकर कैलाश खंडूडी ने चार्ज ले लिया है। इस दौरान उन्होंने अपनी प्राथमिकताएं भी गिनाते हुए कहा कि राजधानी भले ही है, लेकिन यहां पुलिस किसी के दबाव में काम नहीं करेगी। पीड़ितों की हर वक्त सुनी जाएगी। रात के लिए भी एक अलग से अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। 
पत्रकारों से रूबरू होते हुए खंडूडी ने कहा कि उनका ध्यान केवल जनता के साथ प्रेम और असामाजिक तत्वों के मन में डर पैदा करने पर रहता है। इसी को ध्यान में रखकर देहरादून की पुलिसिंग का भी खाका तैयार किया जाएगा। पुलिस जनता के लिए हर समय उपलब्ध हो इसके लिए योजना तैयार की जाएगी। पुलिस का काम 24 घंटे का है, लेकिन अधिकारी अधिकतर दिन में ही सुलभ होते हैं। ड्यूटी रात की भी होती है। ऐसे में उनके आवास के दरवाजे तो हर वक्त खुले ही हैं। साथ ही साथ एक रात्रि ड्यूटी के लिए अफसर भी अलग से तैनात कर दिया जाएगा। 
उन्होंने पुलिस के दबाव वाली बात पर कहा कि मुझे ध्यान नहीं कि किसी ने उन पर गलत काम के लिए कभी दबाव डाला हो। कई बार ऐसी कोई कोशिश भी करता है तो इसके लिए सभी अधिकारियों को पहले ही बता दिया गया है कि किसी के दबाव में काम नहीं करना है। जनता के हम हैं और जनता हमारी है। इसी सिद्धांत पर जिले की पुलिसिंग रहने वाली है। पुलिस सत्य के साथ ही चलेगी। हर काम पारदर्शिता के साथ होगा। जनता उनसे कभी भी संवाद कर सकती है। 
एसएसपी ने थानेदारों व अन्य के खिलाफ शिकायतों के मामले में कहा कि शिकायतें होती रहती हैं। कई बार शिकायत तो इस बात को लेकर भी हो जाती है कि अधिकारी या कर्मचारी विशेष बहुत सख्त मिजाज है। तो यह अपने आप में ठीक बात है। क्योंकि पुलिस का एक पक्ष कठोर बना रहना भी होता है, लेकिन यहां अगर बदतमीजी की शिकायत होती है तो यह बर्दाश्त नहीं होगी।
उनसे पूछा गया था कि लोग थाने चौकियां न आकर सीधे अधिकारियों के पास जाते हैं तो इसका भी उन्होंने सहजता से जवाब दिया। कहा कि हर किसी की अपनी एक पहुंच या जान पहचान होती है। यदि वह वहां जाना चाहता है तो इसमें कोई बुराई नहीं है, लेकिन यदि वह वहां तंग आकर गया है तो यह बर्दाश्त योग्य नहीं है। पुलिस को अपना विश्वास जनता के बीच पैदा करना होगा। 
देहरादून में अक्सर यातायात को लेकर प्रयोग होते रहते हैं। इस मुद्दे पर उन्होंने कहा कि वर्तमान में शहर के ट्रैफिक को एक बहुस्तरीय प्लानिंग की जरूरत है। वह विभिन्न विभागों और सरकार की मंशा पर निर्भर करेगा। जहां तक ट्रैफिक को रेग्युलेट करने की बात है तो इसके लिए प्रयोग अगर होगा तो उसके लिए पहले होमवर्क होगा। ऐसा नहीं है कि जनता के सिर पर पहले ही प्रयोग का बोझ डाल दिया जाए। 

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