कांग्रेस का मिशन 2022 का चेहरा होंगे हरदा, तो भाजपा का कौन!

चुनावी शतरंज की बिछी बिसात

  • कांग्रेस के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह को मिली नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी
  • पार्टी संगठन की कमान गणेश गोदियाल को, बनाया जा रहा है प्रदेश अध्यक्ष  
  • गढ़वाल और कुमाऊं में बेहतर समन्वय के लिये बनाये जाएंगे चार कार्यकारी अध्यक्ष

देहरादून। लंबी माथापच्ची के बाद आज गुरुवार को कांग्रेस हाईकमान ने उत्तराखंड में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को आगामी विधानसभा चुनाव 2022 के संचालन की जिम्मेदारी दी गई है। कांग्रेस के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह को नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी दी जा रही है। संगठन की कमान यानी प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल को बनाया जा रहा है। इसके साथ ही  गढ़वाल और कुमाऊं में बेहतर समन्वय के लिये चार कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाये जाएंगे। कांग्रेस आज देर शाम तक इसकी आधिकारिक पुष्टि भी कर देगी। दूसरी ओर भाजपा में अभी तक यह तय नहीं किया गया है कि मिशन 2022 किसके नेतृत्व में फतह करने की तैयारी है। हालांकि भाजपा में इसके दावेदारों की एक लंबी कतार है।
गौरतलब है कि नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश के निधन के बाद से ही प्रदेश कांग्रेस में उनका स्थान को लेकर जद्दोजहद जारी थी। इसको लेकर कई हाई लेवल मीटिंग भी दिल्ली में हुईं, लेकिन आपसी गुटबाजी के कारण पार्टी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाई थी। कांग्रेस विधानमंडल दल का नेता चुनने के लिए दिल्ली में उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव की अध्यक्षता में विधायकों की एक बैठक भी हुई थी, लेकिन तब भी बैठक में नेता प्रतिपक्ष के नाम पर कोई सहमति नहीं बना पाई थी। इसके बाद प्रदेश के विधायकों ने सर्वसम्मति से नेता प्रतिपक्ष के नाम का निर्णय कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी पर छोड़ दिया था।
उधर कांग्रेस हाईकमान इस पर कोई फैसला लेता, उससे पहले कांग्रेस में पंजाब का मसला उठ गया। पंजाब संकट खड़ा होने के कारण भी इस मुद्दे को टाल दिया गया। अब पंजाब संकट टाला जा चुका है तो हाईकमान ने उत्तराखंड पर काम करना शुरू कर दिया है। अब प्रदेश कांग्रेस की कमान श्रीनगर गढ़वाल से विधायक रह चुके गणेश गोदियाल के हाथों में रहेगी और नेता प्रतिपक्ष चकराता विधायक प्रीतम सिंह होंगे। उत्तराखंड में कांग्रेस के सबसे कद्दावर नेता हरीश रावत को चुनाव समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। माना जा रहा था कि नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष के बीच समन्वय बनाने लिए एक गढ़वाल और दूसरे को कुमाऊं से चुना जाएगा, लेकिन यहां दोनों ही पदों पर गढ़वाल का वर्चस्व है। वहीं कुमाऊं को साधने के लिए हरीश रावत का सहारा लिया गया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here