विधि विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद हुए बदरीनाथ धाम के कपाट

देहरादून। विश्व प्रसिद्ध भगवान बद्री विशाल के कपाट आज शनिवार को शाम 6 बजकर 45 मिनट पर शीतकाल के लिए विधि विधान के साथ बंद कर दिए गए हैं। बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ ही आज चारधाम यात्रा का समापन भी हो गया है। रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी ने तड़के भगवान बदरीनाथ का महाभिषेक कर फूलों से श्रृंगार किया। इसके बाद माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की गई और माता की प्रतिमा को बदरीनाथ गर्भगृह में लाया गया और श्री कुबेर जी व उद्घव जी को बदरीश पंचायत (बदरीनाथ गर्भगृह) से बाहर लाया गया। माता लक्ष्मी को शीतकाल में छह माह के लिए बदरीनाथ गर्भगृह में विराजमान किया गया। बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने से पहले बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवन बदरी-विशाल के दर्शन करने के लिए धाम पहुंचे। शनिवार को 4,366 तीर्थयात्रियों ने भगवान बदरीनाथ के दर्शन किए। भगवान बद्री विशाल के कपाट बंद होने के समय श्रद्धालुओं ने जय ‌बदरीविशाल के जयकारे लगाए। बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद अब अगले छह माह तक भगवान बदरी विशाल की पूजा पांडुकेश्वर और जोशीमठ में संपन्न होगी।

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