चिंतन शिविर की एक सप्ताह में रिपोर्ट दें अधिकारी : संधू  

  • सशक्त उत्तराखंड@25 चिंतन शिविर के दूसरे दिन कृषि-बागवानी, डेयरी विकास-फिशरीज, पर्यटन पर हुआ मंथन

मसूरी। यहां लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी में चल रहे चिंतन शिविर के द्वितीय दिन आज बुधवार को कृषि-बागवानी, पर्यटन, वन आदि विषयों पर मंथन हुआ। इस दौरान मुख्य सचिव एसएस संधू ने सभी अधिकारियों से कहा कि तीन दिन तक चलने वाले इस मंथन शिविर की हर अधिकारी को एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट प्रेषित करनी होगी। चिंतन शिविर में होने वाला ब्रेन स्टॉर्मिंग सेशन ही असली चिंतन शिविर है। इस शिविर में जो भी नए एवं इन्नोवेटिव विचार सामने आ रहे हैं, उन पर हमें व्यापक विचार करना होगा।
सर्वप्रथम सचिव कृषि बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने अर्थव्यवस्था एवं रोजगार के अंतर्गत कृषि एवं बागवानी, एनिमल हसबेंडरी, डेयरी विकास एवं मत्स्य पालन पर प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने बताया कि आज हमें कृषि एवं बागवानी के क्षेत्र में रिफार्म लाने की जरूरत है। पर्वतीय जिलों में बीज की गुणवत्ता सुधार की जरूरत है। पर्वतीय क्षेत्रों में जमीन की सेहत सुधारने पर भी जोर दिया । आर्गेनिक के क्षेत्र से कम से कम 50 हजार कृषकों को लाभ पहुँचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में हमें रिसोर्स, टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन पर ध्यान देना होगा। इस क्षेत्र में कई विभाग काम कर रहे हैं, इसके लिए हमको सबको साथ लाने का प्रयास करना होगा।
उन्होंने कहा कि अलग-अलग विभागों की ओर से होने वाले जीओ के बजाय हमको कॉम्प्रीहेन्सिव जीओ लाने होंगे। क्लस्टर फार्मिंग पर जोर देने के साथ ही लैंड रिफार्म दोबारा किये जाने पर बल दिया गया। इससे कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में मदद मिलेगी। अगले पांच वर्षों में 5 फलों के क्षेत्र में 5 सेंटर फार एक्सीलेंस बनाने का लक्ष्य है। इस दौरान रुद्रप्रयाग में स्टेट ऑफ आर्ट होमस्टे और नैनीताल  में जिलाधिकारी धीराज गबर्याल के क्लस्टर बेस्ड कृषि प्रयासों की विशेष सराहना की गई।
उन्होंने कहा कि कि लाइवस्टॉक में सुधार के लिए हमें बाहर से भी इन्हें लेना चाहिए और बद्री गाय को भी बढ़ावा दिया जाना चाहिए। ऐसा करके रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा 13 जिलों में गोट वैली विकसित किये जाने पर बल दिया गया। इस अवसर पर बिसन जी द्वारा सक्सेस स्टोरीज पर प्रस्तुतिकरण (पीएम गतिशक्ति) दिया गया।

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