देहरादून से तीन माह तक नहीं चलेंगी सभी 18 ट्रेनें!

  • 10 नवंबर से अगले साल सात फरवरी तक दून रेलवे स्टेशन से नहीं हो सकेगा किसी भी ट्रेन का संचालन

देहरादून। दून रेलवे स्टेशन से अगले तीन महीने तक सभी ट्रेनों का संचालन बंद रहेगा। 10 नवंबर से अगले साल सात फरवरी तक दून से किसी भी ट्रेन का संचालन नहीं हो सकेगा। दून रेलवे स्टेशन के पुनरुद्धार के लिए रेलवे बोर्ड ने मेगा ट्रैफिक ब्लॉक की अनुमति दे दी है। इन तीन महीनों के दौरान कुछ ट्रेनें तो हरिद्वार, नजीबाबाद और अलीगढ़ स्टेशनों से संचालित होंगी। बाकी अन्य सभी ट्रेनें रद्द रहेंगी।
दून स्टेशन के विस्तार और री मॉडलिंग कार्य के लिए पिछले कई समय से मेगा ट्रैफिक ब्लॉक लेने के लिए ठेकेदार से लेकर रेलवे बोर्ड के स्तर तक पत्राचार चल रहा था। इसके लिए कई बार प्रस्ताव में ट्रेनों के शेड्यूल को लेकर परिवर्तन किया गया। दिवाली समेत अन्य त्योहारों का सीजन होने के चलते रेलवे बोर्ड मेगा ट्रैफिक ब्लॉक देने पर फैसला नहीं ले पा रहा था।
आखिरकार रेलवे ने अब दिवाली बाद के लिए इसकी अनुमति दे दी है। इस दौरान दून से चलने वाली सभी 18 ट्रेनें रद्द रहेंगी। पश्चिम बंगाल से आने वाली हावड़ा एक्सप्रेस, कोटा (राजस्थान) से आने वाली नंदा देवी एक्सप्रेस और नई दिल्ली से आने वाली शताब्दी एक्सप्रेस 10 नवंबर से सात फरवरी तक हरिद्वार तक ही आएंगी। ये तीनों ट्रेनें हरिद्वार से ही अपने गंतव्य के लिए वापस चली जाएंगी। जबकि बुध और शनिवार को देहरादून-पश्चिम बंगाल के बीच चलने वाली उपासना एक्सप्रेस भी 13 नवंबर से पांच फरवरी तक हरिद्वार से ही संचालित होगी। देहरादून स्टेशन के एडिशनल सुपरिटेंडेंट सीताराम सोनकर ने बताया कि मुख्यालय से इस संबंध में दिशा निर्देश मिल गए हैं। इसी के अनुसार ट्रैफिक ब्लॉक रखा गया है।
उन्होंने बताया कि मंगलवार, बृहस्पतिवार और शनिवार को दून से संचालित होने वाली गोरखपुर (राफ्ती गंगा) एक्सप्रेस 12 नवंबर से छह फरवरी तक नजीबाबाद तक आएगी और वहीं से वापस चली जाएगी। इसी तरह, इलाहाबाद से आने वाली लिंक एक्सप्रेस 10 नवंबर से नौ फरवरी तक अलीगढ़ तक ही आएगी।
हालांकि री मॉडलिंग के बाद दून स्टेशन तक 18 कोच की ट्रेन भी आ सकेगी। अभी तक यहां अधिकतर 12 और 13 कोच की ही ट्रेन आ पाती है। दून स्टेशन से चलने वाली सिर्फ शताब्दी एक्सप्रेस और सप्ताह में दो दिन आने वाली सुपरफास्ट उपासना एक्सप्रेस ही ऐसी ट्रेनें हैं जो क्रमश: 16 व 17 कोच की हैं। ये तीन नंबर प्लेटफार्म पर आकर उसी से वापस चली जाती हैं। दरअसल अभी तक तीन नंबर प्लेटफार्म की लंबाई ही सबसे अधिक थी। यार्ड और प्लेटफार्म की लंबाई व चौड़ाई सीमित होने के कारण ज्यादा कोच की ट्रेन यहां नहीं आ पाती हैं। अब री मॉडलिंग होने के बाद यह बाधा खत्म हो जाए

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