इतिहास के झरोखे से

  • वर्ष 1814 में कैप्टन हरसी यंग थे देहरादून के मालिक, उन्होंने किया था ईस्ट इंडिया कम्पनी से सौदा
  • वर्ष 1811 में टिहरी नरेश सुदर्शन शाह ने कैप्टेन हरसी यंग को सौंप दिया था देहरादून का राजकाज
  • पहली बाद 1840 में चीन से लाया लीची का पौधा लगाया गया और 1842 में अफगानिस्तान से लायी बासमती बोई गयी

देहरादून। आज अगर उत्तराखंड की राजधानी देहरादून की बात करें तो इसकी परिसंपत्तियां खरबों रुपये से भी अधिक की होगी, लेकिन यह शहर वर्ष 1611 में यह शहर मात्र 3005 रुपये कीमत में बिका था। हालांकि वर्ष 1674 से पहले देहरादून का नाम पृथ्वीपुर हुआ करता था। वर्ष 1811 में टिहरी नरेश सुदर्शन शाह ने कैप्टेन हरसी यंग को देहरादून सौंप दिया था और इसके बाद वर्ष 1814 में कैप्टन हरसी ने देहरादून मात्र 100 रुपये मासिक लीज पर ईस्ट इंडिया कम्पनी को दे दिया था। हालांकि वर्ष 1815 में अंग्रेजों ने गोरखों को हराकर देहरादून हथिया लिया था। आइये, जानते हैं दून घाटी का दिलचस्प इतिहास…

** 1611 में यह शहर मात्र 3005 रुपये कीमत में बिका था।
** 1674 से पहले देहरादून का नाम पृथ्वीपुर था।
** 1676 में मुगल सम्राट औरंगजेब  ने देहरादून क्षेत्र गुरुराम राय को दे दिया।
** 1757 में नजीबुदौला ने टिहरी नरेश को हरा कर दून पर अपना प्रभुत्व जमा लिया।
** 1803 में गोरखों ने देहरादून पर कब्जा कर लिया।
** 1803 में 14 मई को खुड़बुड़ा देहरादून में गोरखा सेना से लड़ते हुए गढ़वाल नरेश प्रदुमन शाह वीरगति को प्राप्त हुए थे।
** 1811 में टिहरी नरेश सुदर्शन शाह ने कैप्टेन हरसी यंग को देहरादून सौंप दिया।
** 1814 में कैप्टन हरसी ने देहरादून मात्र 100 रुपये मासिक लीज पर ईस्ट इंडिया कम्पनी को दे दिया।
** 1815 में अंग्रेजों ने गोरखों को हराकर देहरादून हथिया लिया।
** 1823 में पलटन बाजार बना और इसके दोनों तरफ पलटन रहती थी।
** 1840 में चीन से लाया लीची का पौधा लगाया गया।
** 1842 में अफगान शासक अमीर दोस्त द्वारा अफगानिस्तान से लायी बासमती बोई गयी।
** 1842 में दून में डाक सेवा शुरू हुई।
** 1854 में मिशन स्कूल खोला गया।
** 1857 में डा. जानसन द्वारा चाय का बाग लगाया गया।
** 1863 में दून स्थित शिवाजी धर्मशाला में पहली बार राम लीला का विराट मंचन किया गया।

** 1867 में देहरादून में नगर पालिका बनी।
** 1868 में चकराता तहसील बनी।
** 1873 में सहारनपुर रोड और 1892 में रायपुर रोड बनी।
** 1871 में दून जिला बना।
** 1889 में नाला पानी से दून को जलापूर्ति शुरू हुई।
** 1901 में दून रेल सेवा आरंभ हुई।
** 1902 में महादेवी कन्या पाठशाला और ** ** 1904 में डीएबी कालेज आरंभ हुए।
** 1916 में विद्युत आपूर्ति शुरू हुई।
** 1918 में ओलम्पिया और ओरएंट सिनेमाघर खुले।
** 1920 में लोगों पहली बार कार देखी।
** 1930 में देहरादून मसूरी मोटर मार्ग बना।
** 1939 तक दून में केवल दो ही कारें थीं।
** 1944 में लाला मंशाराम नें 58 बीघा जमीन में कनाट-प्लेस बनवाया।
** 1947 में जातीय उपद्रव हुआ।
** 1948 में प्रेमनगर और क्लेमनटाउन सिटी बस सेवा शुरू हुई।
** 1948 से 1953 तक आनंदसिंह ने अपने पिता बलबीर सिंह की याद में घंटाघर बनाया।
** 1978 में वायु सेवा शुरू हुई।

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