माघ मेला की निविदा पर लगी रोक को सुप्रीम ने हटाया

  • मेला आयोजन के लिए खोली जानी वाली निविदाओं पर हाईकोर्ट ने दिया था स्टे-
  • सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई, निविदा पर लगी रोक हटी,
  • 14 जनवरी से होगा माघ मेले का भव्य आयोजन

उत्तरकाशी। उत्तरकाशी के पौराणिक धार्मिक एवं सांस्कृतिक माघ मेला ‘बड़ाहाट का थोलू’ आयोजन के लिए आंमत्रित की गई निविदा पर गत तीन जनवरी को उच्च न्यायालय नैनीताल की ओर से लगाई रोक को सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को हटा दिया है। जिस पर जिला पंचायत अध्यक्ष ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए इसे बाड़ागड्डी के आराध्य देव हरिमहाराज व बाड़ाहाट के कंडार देवता के आशीर्वाद का फल बताया है। कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर भरोसा रहा है। कुछ असामाजिक तत्वों ने जिला पंचायत को बदनाम करने की कोशिश की थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने उनके मनसूबों पर पानी फेर दिया है।बता दें कि मकर संक्रांति आगामी 14 जनवरी से प्रारंभ होने वाले माघ मेला 2023 के लिए आयोजक मंडल जिला पंचायत की ओर से गत 04 जनवरी को निविदायें खोली जानी थी। लेकिन इसी बीच एक ठेकेदार ने चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए निविदायें में कुछ विशेष शर्तें रखने का आरोप लगाकर हाईकोर्ट में रिट दायर कर दी। जिस पर पर हाईकोर्ट ने निविदा प्रक्रिया पर 15 फरवरी तक रोक लगा दी। इससे माघ मेला के आयोजन को लेकर संशय बना हुआ था। सोमवार को जिला पंचायत ने माघ मेले के धार्मिक एवं ऐतिहासिक महत्व को रखते हुए सुप्रीमकोर्ट के समक्ष अपना पक्ष रखा। जिस पर जिस पर सु्प्रीम कोर्ट ने नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए निविदाओं पर लगी रोक को हटा दिया। इससे जिला पंचायत को बड़ी राहत मिली है। इधर, जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह बाड़ागड्डी के आराध्य देव हरिमहाराज, बाड़ाहाट के कंडार देवता व बाबा काशी विश्वनाथ का आशीर्वाद का ही परिणाम है। कहा कि जिले का यह पौराणिक माघ मेला जनता की भावनाओं से जुड़ा है, जिसमें उत्तरकाशी की पौराणिक लोक संस्कृति से रूबरू होने का अवसर लोगों को मिलता है। कहा कि 14 जनवरी को हरि महाराज, कंडार देवता व स्थानीय देवी देवताओं की मौजूदगी में सीएम पुष्कर सिंह धामी माघ मेले का शुभारंभ करेंगे।

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