6.47 लाख मरीजों को आयुष्मान का कवच, 1159 करोड़ खर्च

  • अधिकारियों का दावा नियमित की जा रही योजना की मानीटरिंग
  • गोल्डन कार्ड धारकों को योजना में असीमित कैशलैस इलाज की सुविधा

देहरादून । राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा संचालित आयुष्मान योजना के अंतर्गत राज्य में अभी तक 6.47 लाख मरीजों का निशुल्क उपचार हो चुका है। इस पर सरकार का 1159 करोड़ रुपए व्यय हो चुका है। खुद प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत योजना की नियमित मानीटरिंग कर रहे हैं। योजना के अंतर्गत अब तक पचास लाख से अधिक लोगों के आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं। छूटे हुए लोगों के कार्ड बनाने को अभियान चलाया जा रहा है। ताकि हर व्यक्ति को आयुष्मान योजना का लाभ मिल सके।
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष डीके कोटिया का कहना है कि सरकार द्वारा जिस उद्देश्य से योजना की शुरुआत की गई थी वह सही मायनों में खरा उतर रही है। धन के अभाव में पूर्व में जो लोग अपना इलाज नहीं करा पाते थे और अपने जीवन को जोखिम में डालते थे, उनके लिए योजना जीवनदायी साबित हुई है। एेसे लोगों के लिए आयुष्मान योजना से न सिर्फ निशुल्क इलाज का लाभ मिल रहा है, बल्कि उनकी लाचारी व बेवशी भी दूर हुई है। योजना के अंतर्गत कार्डधारक को सालान पांच लाख रुपए तक का निशुल्क इलाज की सुविधा देने की व्यवस्था है। आर्थिक रूप से कमजोर लाभार्थी व्यक्ति अब पूरे हक व आत्मविश्वास से सूचीबद्ध अस्पतालों में कैशलैस इलाज करा सकता है।

जबकि गोल्डन कार्ड धारक राजकीय कार्मिकों व पेंशनरों को राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत असीमित कैशलैस उपचार की सुविधा का प्रावधान है। अस्वस्थता से निजात के लिए आयुष्मान योजना लाखों लोगों के लिए संजीवनी साबित हुई है। राज्य के आखिरी छोर पर खड$े व्यक्ति को भी योजना के लाभ की जानकारी हो इसके लिए संबंधित अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं। योजना के संचालन और प्रगति की भी नियमित मानीटरिंग की जा रही है। आयुष्मान योजना के अंतर्गत अब निशुल्क किडनी प्रत्यारोपण तक की सुविधा भी मरीजों को मिलेगी। जन स्वास्थ्य के प्रति सरकार प्रतिबद्ध है। सूचीबद्ध अस्पताल में इलाज के लिए जाने वाले किसी भी मरीज को कोई परेशानी न हो इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।

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