दून की वरिष्ठ नर्स को मिलेगा फ्लोरेंस नाइटेंगल पुरस्कार

सेवा की मेवा

  • राजकीय गांधी शताब्दी विज्ञान केंद्र अस्पताल में  सिस्टर इंचार्ज और वरिष्ठ नर्स हैं सुनीता रावत
  • दिसंबर के प्रथम सप्ताह में दिल्ली में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद प्रदान करेंगे पुरस्कार

देहरादून। जन स्वास्थ्य सेवाओं में उल्लेखनीय योगदान के लिए राजकीय गांधी शताब्दी विज्ञान केंद्र अस्पताल में कार्यरत सिस्टर इंचार्ज एवं वरिष्ठ नर्स सुनीता रावत गोयल का चयन राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटेंगल पुरस्कार के लिए हुआ है। दिसंबर के पहले सप्ताह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद दिल्ली में उन्हें यह पुरस्कार प्रदान करेंगे।
गांधी शताब्दी अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बीसी रमोला ने बताया कि सुनीता रावत गांधी शताब्दी अस्पताल के नेत्र रोग विभाग और स्त्री रोग विभाग में अच्छा कार्य करती रही हैं।इससे पहले वह दून अस्पताल में तैनात थीं। पांच साल उन्होंने निजी सेक्टर में सेवाएं दी। सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं में उन्हें 20 साल हो चुके हैं। वह प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों में सेवाएं दे चुकी हैं। उन्होंने अब तक 60 हजार नेत्र रोगियों के ऑपरेशन में सहयोग किया है। गांधी अस्पताल में नेत्र रोग विभाग एवं महिला विंग की स्थापना में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
सुनीता रावत की देखरेख में अस्पताल में दो हजार शिशुओं का जन्म और लगभग पांच हजार मरीजों के आंखों के ऑपरेशन हो चुके हैं। डॉ. रमोला और अस्पताल के अन्य स्टाफ ने सुनीता को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है। सुनीता का मायका रानीखेत (अल्मोड़ा) में है। जबकि ससुराल देहरादून के दून एन्क्लेव, विजय पार्क एक्सटेंशन में है।
राष्ट्रीय स्तर पर 35 कर्मियों को मिलता है यह पुरस्कार
गौरतलब है कि जन स्वास्थ्य सेवाओं में उल्लेखनीय योगदान देने वाले 35 कर्मियों को हर साल राष्ट्रीय स्तर पर यह पुरस्कार मिलता है। इनमें 12 एनएम, 20 नर्स और तीन हेल्थ वर्कर शामिल होते हैं। 12 मई को यह पुरस्कार दिए जाता है। मई में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के कारण यह समारोह नहीं हो पाया था। अब राष्ट्रपति भवन में दिसंबर में यह पुरस्कार दिया जाएगा। सुनीता को 50 हजार रुपये, प्रशस्तिपत्र और मेडल देकर सम्मानित किया जाएगा।
सुनीता ने बताया कि उन्हें मैसेज मिला है कि राष्ट्रपति भवन में तीन से सात दिसंबर के बीच आयोजित समारोह में किसी भी दिन यह पुरस्कार दिया जा सकता है। इसलिए इस अवधि में उन्हें वहीं रहना है। उल्लेखनीय है कि इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए पहले अस्पताल स्तर पर, फिर मुख्य चिकित्साधिकारी, उसके बाद स्वास्थ्य महानिदेशालय और फिर शासन स्तर पर आवेदनों की छंटनी होती है। उसके बाद राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार के लिए चयन किया जाता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here