खोखला रिलेशन
- सुप्रीम कोर्ट से लिव-इन-रिलेशनशिप को मान्यता मिलने के बाद युवाओं में शादी से पहले साथ रहने का बढ़ा चलन राष्ट्रीय राजधानी में सीधे तौर पर लिव-इन रिलेशनशिप से जुड़े हैं दुष्कर्म के करीब 40 फीसद दर्ज मुकदमे
- लिव-इन रिलेशनशिप और शादी से इनकार करने के चलते दर्ज किए जा रहे हैं दुष्कर्म के सबसे ज्यादा मामले
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट द्वारा लिव-इन-रिलेशनशिप को मान्यता दिए जाने के बाद दिल्ली में शादी से पहले एक साथ रहने का चलन बढ़ गया है। लिव-इन रिलेशनशिप का यह एक पहलू है। अब इसके दूसरे पहलू पर गौर करें तो मालूम होता है कि इन संबंधों की कहानी बलात्कार पर खत्म हो रही है। राष्ट्रीय राजधानी में बलात्कार के जो मामले दर्ज हो रहे हैं, उनमें करीब 40 फीसदी केस ऐसे हैं, जो सीधे तौर पर लिव-इन रिलेशनशिप से जुड़े हैं। साल 2018 में 15 सितंबर तक दुष्कर्म के 1557 मामले दर्ज हुए, वहीं 2019 में इन केसों की संख्या 1609 तक पहुंच गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल अपने एक फैसले में कहा था कि अगर लड़की बालिग है और वह पसंदीदा साथी के साथ रहना चाहती है, तो रह सकती है, यह उसका मौलिक अधिकार है। विधायिका भी डीवी ऐक्ट में लिव इन रिलेशनशिप को मान्यता देता है। इसी तरह यदि लड़का बालिग है तो भी वह बालिग लड़की के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रह सकता है। हाल ही में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के विशेष आयुक्त सतीश गोलचा ने एक कार्यक्रम में कहा था, यह ठीक है कि दुष्कर्म के मामले बढ़ रहे हैं। जांच में जो अहम बात निकलकर सामने आई है,वह यह है कि बलात्कार के मामलों में अनजान आरोपियों की संख्या लगातार घट रही है।
पिछले चार-पांच साल के आंकड़े और जांच रिपोर्ट बताती हैं कि दुष्कर्म के केसों में ज्यादातर परिचित ही आरोपी होते हैं। करीब 97 फीसद केस ऐसे हैं, जिनमें आरोपी, पीड़िता का करीबी जानकार या रिश्तेदार होता है। ऐसे मामलों में दोस्त, पिता, पड़ोसी, भाई, दफ्तर के सहकर्मी और सहपाठी दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार हुए हैं। ये सभी किसी न किसी रूप में उन महिलाओं के परिचित होते हैं। इस तरह की स्थिति में पुलिस दुष्कर्म की घटना को कैसे रोक सकती है। बतौर गोलचा, पुलिस ऐसी वारदात के बाद त्वरित कार्रवाई तो करती है, मगर उसे पहले से रोक पाना संभव नहीं है।
दुष्कर्म के सबसे ज्यादा मामले लिव-इन रिलेशनशिप एवं शादी से इनकार करने के चलते दर्ज किए जा रहे हैं। इस साल अभी तक दर्ज हुए दुष्कर्म के मामलों में 35-40 फीसदी तो ऐसे हैं, जिनका सीधा जुड़ाव लिव-इन रिलेशनशिप से रहा है। इन मामलों के दर्ज करने के पीछे बड़ा कारण यह रहा है कि आरोपी युवक द्वारा युवती के साथ विवाह करने से मना कर दिया जाता है।
इस तरह के मामलों की लंबे समय से जांच कर रहे दिल्ली पुलिस के एक अन्य अधिकारी का कहना है कि लिव-इन रिलेशनशिप का अंत दुष्कर्म के आरोप पर जाकर समाप्त हो रहा है। जिस तरह शुरु में लिव-इन रिलेशनशिप का चलन तेजी से बढ़ा, अब उतनी ही तेजी से बलात्कार के मामले दर्ज हो रहे हैं। ऐसा भी नहीं है कि इन मामलों में ज्यादातर सच्चाई ही होती है, अधिकांश मामले झूठ पर टिके होते हैं।