• पीएम ने मन की बात में की बच्‍चों के लिए लोकल खिलौनों की वकालत
  • कहा- लोकल खिलौनों के लिये वोकल होने का समय है, इस पर राहुल ने मारा ताना

नई दिल्‍ली। कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम को लेकर तंज कसा है। आज 30 अगस्‍त की सुबह 11 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह कार्यक्रम रेडिया समेत विभिन्‍न प्‍लेटफॉर्म्‍स पर प्रसारित हुआ था। प्रधानमंत्री ने बच्‍चों के खिलौनों से लेकर मोबाइल ऐप्‍स, न्‍यूट्रिशन और सिक्यॉरिटी डॉग्स तक पर बात की।
राहुल ने अपने ट्वीट में जेईई-नीट परीक्षाओं का मसला उठाया। कांग्रेस सांसद ने लिखा कि जेईई-नीट के परीक्षार्थी चाहते थे कि पीएम ‘परीक्षा पे चर्चा’ करें लेकिन मोदी ने ‘खिलौने पे चर्चा’ कर डाली।” साथ में उन्‍होंने ‘मन की नहीं, स्‍टूडेंट्स की बात’ हैशटैग का भी इस्‍तेमाल किया है। गौरतलब है कि कांग्रेस लगातार जेईई-नीट का मुद्दा उठा रही है। पार्टी अध्‍यक्ष सोनिया गांधी ने दो दिन पहले एक बयान में स्‍टूडेंटों से कहा था कि ‘आपके भविष्य से संबंधित कोई भी निर्णय होता है तो यह महत्वपूर्ण है कि इसमें आपकी सहमति होनी चाहिए।’
राहुल ने भी इस मामले पर एक वीडियो बयान जारी किया था। उन्होंने कहा था, ‘एनईईटी-जेईई उम्मीदवारों की सुरक्षा के साथ सरकार की विफलता की वजह से समझौता नहीं किया जाना चाहिए। सरकार को निश्चित ही सभी हितधारकों की बात सुननी चाहिए और एक नतीजे पर पहुंचना चाहिए।’ राहुल ने कहा, ‘मैं जो समझ नहीं पा रहा हूं, वह यह है कि आपको क्यों जवाबदेह बनाया जा रहा है..सरकार को क्यों आप लोगों पर कुछ थोपना चाहिए? यह महत्वपूर्ण है कि सरकार छात्रों की सुने।’
उधर पश्चिम बंगाल, पंजाब, महाराष्ट्र, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड के छह मंत्रियों ने संयुक्त रूप से सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है। अदालत में उसके एनईईटी-जेईई परीक्षा को लेकर 17 अगस्त के आदेश को चुनौती देते हुए समीक्षा याचिका दायर की गई है। याचिका में कोविड-19 महामारी के मद्देनजर परीक्षा स्थगित करने की अपील की गई है। याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया, ‘लाइफ मस्ट गो ऑन’ की सलाह बहुत ही दार्शनिक लगती है, लेकिन यह नीट और जेईई परीक्षा के संचालन में शामिल विभिन्न पहलुओं के वैध कानूनी तर्क और तार्किक विश्लेषण का विकल्प नहीं हो सकता

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