खुले नये द्वार
- नेशनल डिफेंस एकेडमी की परीक्षा में अब लड़कियां भी हो सकेंगी शामिल
- केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को दी इस ऐतिहासिक फैसले की जानकारी
नई दिल्ली। नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) और नेवल अकादमी में अब लड़कियों की एंट्री का रास्ता साफ हो गया है। केंद्र सरकार ने आज बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को इसकी जानकारी दे दी है।
मोदी सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में उपस्थित एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने बताया कि दोनों संस्थानों में महिला कैडेटों को दाखिला देने का फैसला ले लिया गया है। इसे अंतिम रूप देने का काम जारी है। सरकार के जानकारी देने के बाद जस्टिस एसके कौल की ने कहा, ‘हमें जानकर बेहद खुशी हुई कि सशस्त्र बलों ने खुद महिलाओं को एनडीए में शामिल करने का फैसला किया है। बेंच ने केंद्र को हलफनामा दाखिल करने के लिए 10 दिन का समय दिया है। इस मामले में अब 22 सितंबर को सुनवाई होगी।
गौरतलब है कि इस साल परीक्षा में एनडीए की 370 सीटों के लिए 4.5 लाख से ज्यादा अभ्यर्थी भाग लेने वाले हैं। पहले एनडीए की परीक्षा 5 सितंबर 2021 को होनी थी, लेकिन यूपीएससी ने उसे 24 नवंबर तक आगे बढ़ा दिया। सरकार की तरफ से पेश हुईं एएसजी ऐश्वर्या भाटी ने कोर्ट से निवेदन किया कि इस साल एनडीए परीक्षा के नियमों में कोई बदलाव न किया जाए। यह नियम लागू करने से पहले नई पॉलिसी, प्रक्रिया और ट्रेनिंग इंफ्रास्ट्रक्चर बनाना होगा।
हालांकि महिलाओं के लिए सेना में स्थायी कमीशन का रास्ता पहले ही साफ हो चुका है। एनडीए के जरिए सेना में शामिल होने पर लड़कियों को कई फायदे मिलेंगे। उनका सर्विसकाल लंबा होगा और सैन्य सेवाओं में भूमिका का दायरा भी बढ़ेगा। लड़कियों के पास अब पदोन्नत होकर सेनाध्यक्ष तक बनने का मौका होगा।
इससे पहले मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि नीतिगत मामले में कोर्ट को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। इस पर जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा था कि आपने महिलाओं को सेना में 5-5 साल रखा, स्थायी कमीशन नहीं दिया। इसे ज्यादा तो वायुसेना और नौसेना ज्यादा उदार हैं। आपको लैंगिक आधार पर बराबरी का सिद्धांत समझना होगा।